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वर्षों तक अस्तित्व के संकट से जूझती रही राम की पैड़ी, योगी सरकार ने किया कायाकल्प

सनातन धर्म की सप्त पुरियों में विख्यात अयोध्या के त्रेतायुगीन वैभव व आधुनिक विकास के नए प्रतिमानों संग तालमेल को अगर कोई स्थान सबसे अच्छे से परिभाषित कर सकता है तो वह निश्चित तौर पर राम की पैड़ी ही है। पौराणिक काल से इस क्षेत्र का अपना महत्व रहा मगर वर्षों तक अवहेलना का शिकार रही राम की पैड़ी का जब डबल इंजन की सरकार ने विकास शुरू किया तो अयोध्या की गौरवगाथा में एक नया अध्याय जुड़ गया। आज राम की पैड़ी पुरातन अयोध्या के साथ ही नव्य अयोध्या के वैभव का भी सबसे अहम पड़ाव है। यह श्रद्धा का केंद्र तो है ही, साथ ही नदी किनारे सुकून से परिवार संग सांस्कृतिक कार्यक्रम देखते हुए वक्त बिताने का मनोरम स्पॉट भी है। यहां आर्टिफिशियल चैनल के जरिए सरयू नदी का पानी लाया गया है तथा यह हेरिटेज सिटी के तौर पर अयोध्या के खोए वैभव को साकार करने की दिशा में सकारात्मक माध्यम बनकर उभरा है। योगी सरकार ने 105.65 करोड़ रुपए के विभिन्न जीर्णोद्धार व विकास कार्यों को पूरा कर नव्य आभा व भव्य स्वरूप से राम की पैड़ी को सुशोभित किया है।

स्वयं श्रीराम ने लक्ष्मण को बताई थी पैड़ी की महिमा

राम की पैड़ी सरयू नदी के किनारे स्थित घाटों की एक श्रृंखला है। यहां को लेकर ऐसी पौराणिक मान्यता है कि श्रीराम इसी पैड़ी से होकर सरयू में स्नान करने जाते थे। कहा जाता है कि एक बार जब लक्ष्मण जी ने सभी तीर्थों के दर्शन करने का मन बनाया तो श्रीराम ने अयोध्या में सरयू किनारे तट पर खड़े होकर कहा कि जो व्यक्ति सूर्योदय से पूर्व इस स्थल पर सरयू नदी में स्नान करेगा उसे समस्त तीर्थ में दर्शन करने के समान पुण्य प्राप्त होगा। माना जाता है कि सरयू के जिस तट पर श्रीराम ने ये बात कही वहीं आज राम के पैड़ी के नाम से प्रसिद्ध है। यही वजह है कि पूर्णिमा पर यहां स्नान का विशेष महत्व है और यहां स्नान करने वाले को सभी तीर्थों का पुण्य यहां स्नान करने से मिल जाता है।

2017 पहले और आज में जमीन-आसमान का फर्क

राम की पैड़ी का जो आज भव्य स्वरूप देखने को मिल रहा है 2017 के पहले इसकी कल्पना करना भी संभव नहीं था। यहां पिछली सरकारों के दौरान कोई खास कार्य नहीं हुआ तथा पिछले बड़े स्तर का जीर्णोद्धार कार्य 1985 में हुआ था। मगर, अयोध्या को उसके पुरातन स्वरूप प्रदान करने के लिए सीएम योगी ने संकल्प लिया तो राम की पैड़ी अपने वास्तविक भव्य व अलौकिक स्वरूप में संवर उठी। इतना ही नहीं, अयोध्या के पुरातन मंदिरों में शुमार नागेश्वर नाथ मंदिर, चंद्रहरि मंदिर, विष्णु हरि मंदिर व सरयू मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में भी भारी वृद्धि हुई है। श्री चंद्रहरि महादेव मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष स्वामीकृष्णकान्ताचार्य ने इस विषय में बताया कि राम की पैड़ी का जो भव्य सौंदर्यीकरण योगी सरकार द्वारा किया गया है वह न केवल अनुकरणीय है बल्कि इसमें पुराणों में उल्लेखित राम की पैड़ी के स्वरूप का भी ध्यान रखा गया है। उनके अनुसार, सीएम योगी के इतर किसी भी अन्य मुख्यमंत्री सपने में भी राम की पैड़ी व अयोध्या के जीर्णोद्धार को इतने भव्य स्वरूप में पूर्ण नहीं कर सकता था।

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