पंजाब में बाढ़ का कहर लगातार बढ़ता जा रहा है। ताजा घटनाक्रम में बरनाला जिले में एक और व्यक्ति की मौत हो गई है, जिससे प्रदेश में बाढ़ से मरने वालों की कुल संख्या 57 तक पहुंच गई है। राज्य के राजस्व मंत्री हरदीप सिंह मुंडियां ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि बाढ़ की वजह से हालत गंभीर बनी हुई है और राहत एवं बचाव अभियान युद्धस्तर पर जारी है।
मंत्री मुंडियां के अनुसार, बाढ़ प्रभावित इलाकों से अब तक कुल 23,340 लोगों को सुरक्षित निकाला गया है। इनमें से 769 लोग राहत शिविरों से अपने घर लौट चुके हैं। विभिन्न जिलों में 41 से कम होकर अब 38 राहत शिविर संचालित हो रहे हैं, जिनमें अब केवल 1,176 लोग रह रहे हैं, जबकि पहले यह संख्या 1,945 थी।
बाढ़ से प्रभावित इलाकों की संख्या 2,484 तक पहुंच चुकी है और प्रभावित जनसंख्या अब तक 3,89,279 हो गई है। गर्भवती महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों की सुरक्षा के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं। प्रशासन बचाव कार्यों और राहत वितरण में जुटा हुआ है, जिसमें एनडीआरएफ, सेना, BSF और स्थानीय पुलिस शामिल हैं।
कृषि क्षेत्र पर भी बाढ़ का गंभीर असर पड़ा है। बरनाला समेत प्रदेश के कई जिलों में धान, गेहूं और अन्य मुख्य फसलों की पैदावार बर्बाद हो गई है। किसानों को भारी नुकसान हुआ है, जिसके लिए सरकार ने राहत पैकेज की घोषणा की है।
मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों तक बारिश जारी रहने का अनुमान जताया है, जिससे बाढ़ की संभावित स्थिति को देखते हुए सतर्कता बरतने की अपील की गई है। जल स्तर में वृद्धि और नदियों के उफान के चलते प्रशासन आम जनता को सुरक्षित स्थानों पर रहने के लिए कहा है।
उच्च स्तर पर राहत और पुनर्वास कार्यों के साथ-साथ जल निकासी के लिए नदियों और नालों की सफाई की जा रही है। केंद्र और राज्य सरकारें प्रभावित इलाकों में आवश्यक वस्तुओं की उपलब्धता सुनिश्चित कर रही हैं।
बाढ़ की इस भीषण आपदा से निपटने के लिए राज्य सरकार ने हरसंभव कदम उठाए हैं, लेकिन बाढ़ के जलस्तर में कमी और व्यापक पुनर्वास कार्यों तक आम जनता की सुरक्षा और राहत ही प्राथमिकता बनी हुई है।

