कांग्रेस कार्य समिति (CWC) की अहम बैठक में पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने न केवल केंद्र की मोदी सरकार पर तीखा हमला बोला, बल्कि बीजेपी और विपक्षी गठबंधन के नेताओं को लेकर भी बड़े बयान दिए। खरगे ने कहा कि “यह बैठक ऐसे समय में हो रही है जब भारत अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय दोनों मोर्चों पर बेहद चुनौतीपूर्ण और चिंताजनक दौर से गुजर रहा है।”
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विदेश नीति और उनकी सरकार के घरेलू मोर्चे पर फैसलों को असफल बताते हुए जनता की समस्याओं का ज़िक्र किया। खरगे ने दावा किया कि महंगाई, बेरोज़गारी और किसानों की बदहाली जैसे मुद्दों को केंद्र सरकार लगातार नजरअंदाज कर रही है।
खरगे ने बैठक में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का “स्वयंभू उत्तराधिकारी” कह दिया। उन्होंने कहा कि बीजेपी के अंदर अब स्पष्ट टकराव की स्थिति है और कई नेता खुद को भविष्य का पीएम मानने लगे हैं।
उनके इस बयान को राजनीतिक विशेषज्ञों ने बीजेपी की आंतरिक राजनीति को लेकर कांग्रेस की चाल समझा है। खरगे के मुताबिक, बीजेपी के नेताओं की महत्वाकांक्षा और सत्ता की लड़ाई जल्द ही खुलकर सामने आएगी।
खरगे ने बिहार के मुख्यमंत्री और विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के प्रमुख नेताओं में शुमार नीतीश कुमार पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि कई बार कुछ नेता गठबंधन में मदद करने की बजाय बोझ साबित होते हैं। हालांकि खरगे ने नीतीश का नाम सीधे लिया, लेकिन उनके बयान से साफ था कि यह इशारा उन्हीं की ओर है।
इस बयान ने विपक्षी गठबंधन के भीतर राजनीति को और गर्मा दिया है। माना जा रहा है कि कांग्रेस और जेडीयू के बीच समन्वय को लेकर खटास गहराने लगी है।
बैठक में खरगे ने मोदी सरकार को पूरी तरह घेरने का प्रयास किया। उन्होंने कहा कि:
देश में आर्थिक असमानता बढ़ती जा रही है।
किसानों को उचित दाम नहीं मिल रहे और छोटे व्यापारी संकट से गुजर रहे हैं।
युवाओं को रोजगार नहीं मिल रहा, जबकि सरकार केवल आंकड़ों की बाज़ीगरी कर रही है।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की छवि को भी नुक़सान पहुंचा है।
खरगे ने आरोप लगाया कि सरकार लोकतांत्रिक संस्थाओं को कमजोर करने में लगी है और विपक्ष की आवाज़ को दबाने के लिए एजेंसियों का इस्तेमाल कर रही है।
CWC बैठक में खरगे के साथ कई वरिष्ठ नेताओं ने भी चर्चा की। कांग्रेस ने संकेत दिया कि आने वाले समय में वह जनता से सीधे संवाद बढ़ाएगी और महंगाई, बेरोज़गारी, किसानों के हक और लोकतांत्रिक मूल्यों को अपना मुख्य चुनावी मुद्दा बनाएगी।
नेताओं ने इस बात पर भी जोर दिया कि पार्टी को अपनी एकजुटता बनाए रखनी होगी ताकि बीजेपी के खिलाफ मजबूत विकल्प खड़ा किया जा सके।
खरगे के इस बयानबाज़ी से सियासी गलियारों में नई हलचल मच गई है। जहां बीजेपी इसे कांग्रेस की हताशा बता रही है, वहीं विपक्षी खेमे में भी चर्चाएं शुरू हो गई हैं कि खरगे का नीतीश पर इशारा गठबंधन समीकरणों को बिगाड़ सकता है।

