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मुजफ्फरनगर में संजीव बालियान पुलिस से भिड़े, भाजपा नेताओं की गाड़ियों से झंडे और काली फिल्म हटाने पर नाराजगी का इजहार l

बुढ़ाना विधानसभा क्षेत्र के खेड़ा मस्तान गांव में रविवार को हिंद मजदूर किसान समिति द्वारा आयोजित “नस्ल बचाओ और जाति विहीन समाज बनाओ” जागरूकता कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री संजीव बालियान ने पुलिस पर तीखा आरोप लगाया। वे इस बात को लेकर खासा भड़क गए कि पुलिस अधिकारियों ने भाजपा नेताओं की गाड़ियों से झंडे और शीशों की काली फिल्म (ब्लैक टिंट) हटाने का प्रयास किया जबकि उनके अपने गाड़ियों पर भी काली फिल्म लगी हुई थी।

संजीव बालियान ने कहा, “जिस अधिकारी ने भाजपा नेताओं की गाड़ी सीज की, उसकी अपनी गाड़ी पर भी काली फिल्म लगी हुई थी। ऐसे में हम किसी दिन उनकी गाड़ियों से भी लाल बत्ती, झंडे और काली फिल्म हटवाएंगे। वो ‘आंखों का चश्मा’ भी हटवाने की तैयारी में रहें।” उन्होंने पुलिस के दोहरे मानक और अनियमित रवैये की कड़ा विरोध किया।

यह विवाद पिछले एक हफ्ते से चल रहा है जब भाजपा के दो नेताओं की गाड़ियाँ रोककर पुलिस ने उनसे झंडे और शीशों की काली फिल्म हटवाने को कहा था। भाजपा कार्यकर्ता और नेता इस कार्रवाई से नाराज हैं और इसे राजनीतिक प्रतिशोध का हिस्सा मान रहे हैं।

कार्यक्रम में संजीव बालियान ने हिंद मजदूर किसान समिति की “नस्ल बचाओ, जाति विहीन समाज बनाओ” मुहिम का समर्थन करते हुए कहा कि यह युवा पीढ़ी को नशे और जातिगत भेदभाव से दूर रखने का प्रयास है। इनके अनुसार यह जहर हमारे समाज की जड़ें खोखली कर रहा है, इसलिए इसे समाप्त करना जरूरी है।

बालियान ने साफ कहा कि वे और उनके समर्थक किसी भी अवस्था में अधिकारियों के खिलाफ ऐसी ही कार्रवाई करेंगे जब तक कि नियम-कानून सबके लिए बराबर लागू न हों। उन्होंने प्रशासन से निष्पक्षता और सही कदम उठाने की मांग भी की।

मुजफ्फरनगर में संजीव बालियान की पुलिस के खिलाफ यह विवाद स्थानीय राजनीति और प्रशासनिक रवैये में असंतोष दर्शाता है। भाजपा नेता द्वारा अधिकारियों के दोहरे मानकों की आलोचना ने मामले को और मनोरम बना दिया है।

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