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ऑक्सीजन लाने के लिए भारत ने लगायी ताकत,विदेशो से बड़ी संख्या में आ रही है प्राणवायु

नई दिल्ली-इस वक्त कोरोना महामारी में सबसे ज्यादा दिक्क्त ऑक्सीजन को लेकर हो रही है जिसकी कमी को पूरा करने के लिए केंद्र सरकार पूरी ताकत के साथ लगी है देश में ऑक्सीजन की कमी दूर करने के लिए विदेशों सें संसाधन जुटाने का सिलसिला जारी है। विदेश मंत्रालय ने बताया कि ब्रिटेन से मंगलवार तड़के 100 वेंटिलेटर और 95 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर देश में पहुंच गए हैं।

ऑक्सीजन की समस्या दूर करने के लिए वायु सेना के विमान 6 खाली क्रायोजेनिक ऑक्सीजन कंटेनर लेकर पहुंचने वाले हैं। वायुसेना के C-17 ग्लोबमास्टर विमान इन्हें पश्चिम बंगाल के पानगढ़ लेकर आएगा। वायुसेना के विमान सोमवार को भी दुबई से इसी तरह के 6 कंटेनर पानगढ़ लाए थे। पानगढ़ में सभी कंटेनरों में ऑक्सीजन भरकर रेल या सड़क के रास्ते इन्हें देश के अलग-अलग हिस्सों में भेजा जाएगा। वायुसेना देश के अलग-अलग हिस्सों तक ऑक्सीजन सप्लाई जल्द पहुंचाने में मदद कर रही है। ऑक्सीजन के खाली टैंकर रीफिलिंग के लिए वायुसेना के प्लेन के जरिए भेजे जा रहे हैं। इसके लिए C-17, C-130J, IL-76, An-32, Avro, चिनूक और Mi-17 हेलिकॉप्टर को तैनात किया गया है।

दिल्ली सरकार की बात करे तो अरविन्द केजरीवाल ने बताया है की ऑक्सीजन की किल्लत दूर करने के लिए बैंकॉक से ऑक्सीजन टैंकर और फ्रांस से रेडी टू यूज ऑक्सीजन प्लांट आयात करने का फैसला किया है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा,दिल्ली सरकार ने बैंकॉक से 18 ऑक्सीजन टैंकर मंगाने का फैसला कया है। वे कल से यहां पहुंचना शुरू हो जाएंगे। हमने केंद्र सरकार से अपील की है कि इन्हें लाने के लिए एयरफोर्स के प्लेन इस्तेमाल करने की इजाजत दे। टैंकर आने के बाद ऑक्सीजन के ट्रांसपोर्टेशन की समस्या हल हो जाएगी।

तेजी से बढ़ी ऑक्सीजन की मांग को देखते हुए भारतीय रेलवे ने पिछले हफ्ते से ऑक्सीजन एक्सप्रेस नाम की ट्रेन की शुरुआत की है। रेल मंत्रालय के मुताबिक सात डिब्बों की विशेष रेल के हर डिब्बे में 16 मीट्रिक टन मेडिकल ऑक्सीजन आएगी। इस ट्रेन को आने-जाने के लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया है। यानी यह बिना रूके अपनी जगह पहुंचेगी।

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