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भाई के चयन पर बोले मंत्री,चयन निष्पक्ष है,किसी को दिक्कत है तो जांच कराए

लखनऊ- सिद्धार्थ विश्वविद्यालय कपिलवस्तु के मनोविज्ञान विभाग में अरुण द्विवेदी के असिस्टेंट प्रोफेसर पद पर नियुक्ति के बाद से शोशल मीडिया में काफी प्रतिक्रियाएं की जा रही है। इसके पीछे सबसे बड़ी वजह यह है कि अरुण द्विवेदी यूपी सरकार के बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी के छोटे भाई है। और उनका चयन EWS कोटे के तहत हुआ है। जिससे लोग दबी जुबान सवाल खड़े कर रहे हैं।

यह मामला सिद्धार्थनगर जिले में स्थित सिद्धार्थ विश्वविद्यालय कपिलवस्तु का है। जंहा मनोविज्ञान विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर पद पर यूपी के बेशिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी के छोटे भाई अरुण द्विवेदी की नियुक्ति का मामला 22 मई को शोशल मीडिया में चर्चा में आया । जिससे पता चला कि अरुण द्विवेदी का चयन EWS कोटे में किया गया है । इस मामले को लेकर जब हमने बेसिक शिक्षा मंत्री के भाई से बात की तो उन्होंने बताया कि मेरा चयन Ews कोटे में हुआ है।

इस दौरान उन्होंने अपने ऊपर लगे आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए कहा कि मंत्री का भाई होना मेरे लिए अभिशाप हो गया है मेरी भी अपनी पर्सनल लाइफ है। 2016 में पीएचडी करने के बाद मैंने इस पद हेतु आवेदन किया था । और उस समय जरूरत के सारे डॉक्यूमेंट उन्होंने लगाए थे । जो विश्वविद्यालय प्रशासन के पास मौजूद हैं। ews सर्टिफिकेट के बारे में उन्होंने कहा कि यह सर्टिफिकेट भी सारे नियमों के अनुसार ही तहसील से बनवाया था । ews सर्टिफिकेट के लिए जो सरकार ने गाइडलाइन जारी किया है उसके लिए वह पात्र है । इसीलिए उनका यह सर्टिफिकेट बना। अरुण द्विवेदी ने कहा कि अगर किसी को दिक्कत है तो वह उनकी नियुक्ति को चैलेंज करें। वह सही जगह पर इसका जवाब देंगे। अपनी पारिवारिक हैसियत के बारे में उन्होंने कहा कि उनके पास जो पैतृक संपत्ति है वह भी ews सर्टिफिकेट के लिए जारी गाइड लाइन और क्राइटेरिया से काफी कम है। उनके नाम से कहीं पर भी कोई फर्म नहीं है जिसकी लोग बात कर रहे हैं।

वही Ews सर्टिफिकेट के जारी होने के बारे में हमने जिले की इटवा तहसील के एसडीएम उत्कर्ष श्रीवास्तव से बात की तो उन्होंने बताया कि नवंबर 2019 में यह सर्टिफिकेट बना था जो पूरी तरह गाइडलाइन और नियम के अनुसार ही जारी किया गया है

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