
वाराणसी- धर्म की नगरी काशी में इन दिनों गंगा का पानी हरा हो गया है जो चर्चा का विषय बना हुआ है। दरअसल पिछले कुछ दिनों से वाराणसी में गंगा में भारी मात्रा में शैवाल आने से गंगा का पानी पूरी तरह हरा हो गया है , जिसके वजह से लोगो मे तरह – तरह की आशंकाए बनी हुई है। वही गंगा का पानी शैवाल की वजह हरा होने से स्थानीय लोगो की चिंताएं बढ़ गई है , लोगो के अनुसार गंगा के प्रवाह में आई कमी के कारण ऐसा हो रहा है जो गंगा में रहने वाले जीवों के लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकता है । वही गंगा में शैवाल की बड़ी मात्रा को देखते हुए केंद्रीय प्रदूषण बोर्ड के अधिकारी भी जांच में जुट गए है ।
पिछले कुछ दिनों से गंगा में शैवाल आने से पूरी तरह से गंगा का पानी हरा हो गया है। गंगा का पानी हरा होने को लेकर गंगा किनारे आने वाले श्रद्धालुओं की माने तो गंगा में गन्दी काई देखने को मिल रहा है। आम तालाबों में देखने को मिलता है लेकिन गंगा के पानी में ऐसा शैवाल दिखा जाना बेहद ही चिंताजनक है। वही गंगा में शैवाल को लेकर नमामि गंगे के संयोजक राजेश शुक्ला ने बताया कि गंगा का पानी हरा होने के पीछे गंगा में प्रभाव कम होना हो सकता है । गंगा मंत्रालय से गुहार लगाते हुए उन्होंने कहा कि गंगा के प्रवाह को निरंतर बनाया जाए ताकि जो गंगा का पानी गर्मी के मौसम में घाटों को छोड़ने लगती है और इसके वजह से रेत पर टीले दिखाई पड़ने लगते हैं वह ना हो और गंगा का प्रवाह गर्मी के मौसम में भी निरंतर बना रहे। इसके साथ ही जो लोग गंगा में सबों का प्रवाह कर रहे हैं , उन्हें भी यह सोचना चाहिए कि इससे गंगा में प्रदूषण हो सकता है । इस लिए गंगा में शवो का प्रवाह नही होना चाहिए।
गंगा के पानी जो ये दिख रहा है वो ऐसा लग रहा है कि ये माइक्रोबियल माइक्रोसिस्ट है और इस तरह के माइक्रोसिस्ट अमूमन रुके हुए पानी या नालो में पाए जाते हैं और ये देखा गया है कि ठहरे हुए पानी मे ये ज्या दा तेजी के साथ बढ़ते हैं फिलहाल जो देख के लग रहा है कि आसपास के किसी नाले से बह कर ये आया होगा और अभी गंगा में बहाव कम है तो इसकी वृद्धहि देखी जा रही है । लगातार इस प्रक्रिया से गंगा में रहने वाले जीव- जंतुओं को नुकसान पहुँच सकता है ।
बरसात के पहले वाराणसी में गंगा के कुछ हिस्सों में ये नजारा हर साल देखने को मिलता है लेकिन ऐसा पहली बार हुआ है जब पूरे गंगा का रंग हरे रंग में तब्दील हो गया है। ऐसे नें जहाँ बीएचयू के वैज्ञानिकों ने इसे जांच के लिए लैब भेजा है तो वहीं चिंता भी जाहिर की है कि जीवों पर इसका खासा असर पड़ेगा। बहरहाल गंगा का ये नया हरा रंग बनारसियों के लिए चिंता का सबब जरूर बना हुआ है।