बेंगलुरु के AI इंजीनियर अतुल सुभाष के सुसाइड का मामला इन दिनों काफी चर्चा में है। इस घटना के बाद 24 पन्नों का सुसाइड नोट और मरने से पहले बनाया गया एक घंटे का वीडियो सामने आया है, जिसने पूरे मामले को गंभीर बना दिया है। अतुल के भाई विकास की शिकायत पर पुलिस ने पहली FIR दर्ज की है, जिसमें अतुल की पत्नी और उसके परिवार के खिलाफ खुदकुशी के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया गया है।
FIR में चार लोगों के नाम दर्ज
विकास की शिकायत के आधार पर मराठाहल्ली पुलिस ने धारा 108 और 3(5) के तहत चार लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है। इनमें अतुल की पत्नी निकिता सिंघानिया, उसकी मां, भाई अनुराग सिंघानिया और चाचा सुधीर सिंघानिया का नाम शामिल है।
अतुल की शादी 2019 में हुई थी और उनका एक बच्चा भी है। कुछ समय बाद पति-पत्नी ने अलग होने का फैसला लिया। इसके बाद अतुल की पत्नी ने तलाक के सेटलमेंट के लिए 3 करोड़ रुपये की मांग की थी। FIR में यह भी कहा गया कि निकिता ने तलाक के साथ-साथ अतुल और उसके परिवार के खिलाफ कई झूठे मामले दर्ज कराए।
भाई ने बताया दर्द
अतुल के भाई ने कहा कि उनका भाई पिछले आठ महीनों से अलग रह रहा था और लगातार मानसिक तनाव झेल रहा था। उन्होंने बताया कि महिला सुरक्षा के लिए बनाए गए कानूनों का उनके भाई के खिलाफ गलत इस्तेमाल हुआ। उन्होंने कहा कि उनका भाई इस लड़ाई में हार गया और इस कारण से उसने आत्महत्या कर ली।
सरकार से न्याय की गुहार
अतुल के भाई ने सरकार और राष्ट्रपति से अपील की है कि उनके भाई को न्याय दिलाने में मदद की जाए। उन्होंने कहा कि अगर अतुल दोषी था, तो यह साबित किया जाए। साथ ही उस न्यायाधीश के खिलाफ भी कार्रवाई की मांग की गई है, जिसने उनके भाई को आत्महत्या की ओर धकेलने का काम किया।
अतुल द्वारा छोड़े गए 24 पन्नों के सुसाइड नोट और 90 मिनट के वीडियो में उसने अपनी पत्नी, ससुराल वालों और एक न्यायाधीश पर उत्पीड़न और झूठे मामलों का आरोप लगाया है। इस घटना के बाद सोशल मीडिया पर लोग न्याय की मांग कर रहे हैं।
अतुल ने अपने नोट में बताया कि घटना मराठाहल्ली थाना क्षेत्र के मंजूनाथ लेआउट में हुई। उसने साफ लिखा कि उसकी आत्महत्या का कारण उसके ऊपर हुए अत्याचार और उत्पीड़न थे। अब लोग इस मामले की निष्पक्ष जांच और अतुल को न्याय दिलाने की मांग कर रहे हैं।