एक बार फिर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने मंकीपॉक्स (एमपॉक्स) को वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित कर दिया है। यह दूसरी बार है जब WHO ने इस पर स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किया है। पहले यह अफ्रीका में फैला था और अब कुछ यूरोपीय देशों में भी इसके मामले सामने आने लगे हैं। चिकन पॉक्स और चेचक भी एमपॉक्स परिवार से संबंधित हैं, जो मानव से मानव में फैलता है। फिलहाल राहत की बात ये है कि ये कोविड की तरह हवा में फैला हुआ है. हालांकि, एक्सपर्ट की सलाह है कि सभी सतर्क रहें, साफ-सफाई पर ध्यान दें, लेकिन घबराएं नहीं, ज्यादातर मामलों में यह अपने आप ठीक हो जाता है और अभी तक हमारे देश में इस वायरस का एक भी मामला सामने नहीं आया है है
मंकीपॉक्स क्या है?
सफदरजंग अस्पताल के कम्युनिटी मेडिसिन के एचओडी डॉ. जुगल किशोर ने कहा कि मंकीपॉक्स भी चेचक की तरह एक वायरल बीमारी है। इसका नाम भले ही मंकीपॉक्स हो, लेकिन इसका बंदर से कोई संबंध नहीं है। जिस तरह स्वाइन फ्लू की उत्पत्ति सूअर से मानी जाती है, लेकिन अब स्वाइन फ्लू के संक्रमण के फैलने का सूअरों से कोई संबंध नहीं है, उसी तरह बंदरों का मंकीपॉक्स के फैलने से कोई संबंध नहीं है। चूंकि यह चेचक परिवार से संबंधित है और एक डीएनए वायरस है, इसलिए इसका आकार आमतौर पर अन्य वायरस से बड़ा होता है। हां हवा में एयर टू एयर नहीं है। यह रोगी के संपर्क में आने, संक्रमित व्यक्ति के दाने या फोड़े के पानी के संपर्क में आने और यौन संबंध बनाने से फैलता है।