लोकसभा चुनाव में बीजेपी का प्रदर्शन उम्मीद के मुताबिक नहीं रहने के कारण शीर्ष नेतृत्व पर कई सवाल उठे और विपक्ष की ओर से भी काफी आलोचना हुई. जिसके बाद अब बीजेपी देशभर में संगठन की कील-कांटे पूरी तरह दुरुस्त करने के मूड में है. जिसकी शुरुआत बीजेपी में संगठनात्मक चुनाव से हो सकती है. इसमें बूथ, मंडल, जिले और राज्यों में नई कमेटियों का गठन शामिल है.
17 अगस्त को पार्टी की बड़ी बैठक
बीजेपी की उम्मीद भी बीजेपी के नए अध्यक्ष पर टिकी है. उनकी तलाश समेत कई अहम मुद्दों को लेकर 17 अगस्त को दिल्ली में बीजेपी कार्यकर्ताओं की एक बड़ी बैठक होने जा रही है. इसके लिए बीजेपी ने दो दिन पहले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) नेताओं के साथ मंथन भी किया है.
दरअसल, बीजेपी देशभर में तेजी से सदस्यों की संख्या बढ़ाना चाहती है. जिसके लिए व्यापक स्तर पर सदस्यता अभियान चलाया जायेगा. इसके लिए शनिवार को दिल्ली में होने वाली बैठक में मुहर लगने की उम्मीद है. सूत्रों के मुताबिक, बीजेपी नेतृत्व राष्ट्रीय अध्यक्ष पर औपचारिक सहमति बनने से पहले पार्टी चलाने के लिए एक कार्यकारी अध्यक्ष का चुनाव करना चाहता है. हालांकि, इस मुद्दे पर कोई भी बात करने को तैयार नहीं है.
बैठक में बीजेपी के राष्ट्रीय पदाधिकारियों के अलावा सभी राज्यों में पार्टी संगठन के प्रभारी महासचिव और क्षेत्रों के अध्यक्ष भी शामिल होंगे. मौजूदा अध्यक्ष जेपी नड्डा अब मोदी सरकार में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री की अहम जिम्मेदारी संभाल रहे हैं. ऐसे में इस बात के पुख्ता संकेत हैं कि पार्टी की ‘एक व्यक्ति, एक पद’ परंपरा के तहत उनकी जगह किसी और को बीजेपी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया जाएगा.
नड्डा को पहली बार जून 2019 में कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया था। जनवरी 2020 में उन्हें औपचारिक रूप से राष्ट्रपति चुना गया। भाजपा अध्यक्ष परंपरागत रूप से सर्वसम्मति से चुना जाता है। नए अध्यक्ष के चुनाव से पहले बीजेपी पार्टी में सदस्यता अभियान को धार देने के मूड में है. जिसमें उत्तर प्रदेश की भूमिका अहम होगी. लोकसभा चुनाव में कड़ी मेहनत करने वाले भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं को उत्तर प्रदेश के सभी आयोगों में निम्नलिखित पदों पर समायोजित किया जाना है। यह भी चर्चा का संकेत है.