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महाराष्ट्र में हार से कांग्रेस परेशान,  विजय वडेट्टीवार और संजय राउत आमने-सामने

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में हार का सामना करने के बाद कांग्रेस इसे भुला नहीं पा रही है। पार्टी के नेता अब भी हार के कारणों पर मंथन कर रहे हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता विजय वडेट्टीवार ने इस पर अपनी राय व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि चुनाव में हार का मुख्य कारण सीट शेयरिंग पर लंबी चर्चा रही, जो करीब दो हफ्तों तक चली। इसकी वजह से प्रचार के लिए पर्याप्त समय नहीं मिल पाया। यदि समय पर सीटों का बंटवारा हो जाता, तो कांग्रेस को चुनावी तैयारी के लिए ज्यादा वक्त मिल सकता था।

वडेट्टीवार ने कहा कि चुनाव प्रचार के लिए कोई ठोस योजना नहीं बन पाई क्योंकि बंटवारे में समय बर्बाद हो गया। उनका मानना है कि कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले और शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने सीट शेयरिंग में 20 दिन लगा दिए। यदि यह प्रक्रिया दो दिनों में पूरी हो जाती, तो चुनावी रणनीति बनाने का मौका मिलता। उन्होंने यह भी कहा कि तीनों पार्टियों का कोई संयुक्त कार्यक्रम नहीं बना, जिससे प्रचार अभियान प्रभावित हुआ।

वडेट्टीवार ने यह सवाल भी उठाया कि क्या यह देरी किसी साजिश का हिस्सा थी। उनका कहना है कि यदि महाविकास अघाड़ी ने सीटों के बंटवारे का फैसला तेजी से किया होता, तो इसका फायदा मिलता।

संजय राउत का बयान
शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने भी इस मुद्दे पर बयान दिया। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव के बाद से इंडिया गठबंधन की कोई बैठक नहीं हुई है, जो गठबंधन के लिए सही नहीं है। राउत ने कहा कि तेजस्वी यादव, ममता बनर्जी, अखिलेश यादव और उमर अब्दुल्ला जैसे नेताओं को भी लगने लगा है कि इंडिया गठबंधन कमजोर हो चुका है।

उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि संवाद और चर्चा की कमी गठबंधन को कमजोर कर रही है। राउत ने सवाल किया कि अगर कांग्रेस की सोच यह है कि लोकसभा चुनाव के लिए गठबंधन बनाया गया था और अब इसकी जरूरत नहीं है, तो इसे सार्वजनिक रूप से स्पष्ट कर देना चाहिए। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि गठबंधन टूट गया, तो दोबारा इसे खड़ा करना मुश्किल होगा। महाराष्ट्र और देश की राजनीति में इस तरह की बयानबाजी गठबंधन के भविष्य पर सवाल खड़े कर रही है।

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