प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को ग्रामीण भारत महोत्सव का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि 2014 से हम गांवों के विकास और वहां के लोगों की सेवा में जुटे हुए हैं। इस महोत्सव का मुख्य विषय “विकसित भारत 2047 के लिए एक समावेशी ग्रामीण भारत का निर्माण” है, जिसका उद्देश्य ग्रामीण भारत की उद्यमिता और सांस्कृतिक धरोहर को मान्यता देना है। यह महोत्सव नई दिल्ली के भारत मंडपम में आयोजित किया गया।
प्रधानमंत्री मोदी ने सभी को 2025 की शुभकामनाएं दीं और कहा कि यह महोत्सव भारत के विकास की यात्रा को प्रदर्शित कर रहा है और एक नई पहचान बना रहा है। उन्होंने बताया कि आज लाखों गांवों के घर-घर तक साफ पानी पहुंच रहा है और डेढ़ लाख से ज्यादा आयुष्मान आरोग्य मंदिरों में लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिल रही हैं। डिजिटल प्रौद्योगिकी का उपयोग कर देश के प्रमुख डॉक्टरों और अस्पतालों को भी ग्रामीण क्षेत्रों से जोड़ा गया है, जिससे टेलीमेडिसिन के जरिए करोड़ों लोग लाभान्वित हो चुके हैं। कोविड-19 के दौरान जब पूरी दुनिया ने यह सवाल किया था कि भारत के गांव इस महामारी से कैसे निपटेंगे, तब हमने हर गांव में आखिरी व्यक्ति तक वैक्सीन पहुंचाई।
प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए आवश्यक है कि आर्थिक नीतियां गांवों के विभिन्न वर्गों को ध्यान में रखते हुए बनाई जाएं। उन्होंने गर्व के साथ बताया कि उनकी सरकार ने गांव के हर वर्ग के लिए नीतियां बनाई हैं और अहम निर्णय लिए हैं, जैसे कि हाल ही में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को एक साल और जारी रखने का फैसला किया गया है।