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ईडी ने आरजेडी विधायक के 18 ठिकानों पर छापेमारी की, बिहार सहित चार राज्यों में हो रही तलाशी

पटना: शुक्रवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बिहार के पूर्व मंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता आलोक कुमार मेहता से जुड़े एक बड़े बैंक धोखाधड़ी मामले में 18 स्थानों पर छापेमारी की। यह कार्रवाई वैशाली शहरी विकास सहकारी बैंक लिमिटेड से संबंधित 85 करोड़ रुपये के बैंक ऋण धोखाधड़ी के सिलसिले में की जा रही है। छापेमारी बिहार, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश और दिल्ली में चल रही है। सूत्रों के अनुसार, जिन स्थानों पर छापेमारी की जा रही है, उनमें आलोक कुमार मेहता से संबंधित परिसरों को भी शामिल किया गया है। आलोक मेहता वैशाली शहरी विकास (वीएसवी) सहकारी बैंक के प्रमोटर हैं और उनके खिलाफ राज्य पुलिस ने बैंक से 85 करोड़ रुपये के गबन और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की थी।

ईडी का आरोप है कि यह धोखाधड़ी फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से की गई, जिसमें जाली गोदामों और जीवन बीमा निगम (एलआईसी) की रसीदें शामिल थीं। एक अधिकारी ने बताया कि जांच में बैंक के कर्मचारियों और निजी व्यक्तियों की संलिप्तता सामने आई, जिन्होंने आलोक कुमार मेहता और उनके सहयोगियों के साथ मिलकर अवैध धन को हड़पने की साजिश रची। इन व्यक्तियों ने धोखाधड़ी के मामले को बढ़ावा देने और गलत तरीके से अर्जित धन से लाभ कमाने में अहम भूमिका निभाई। ईडी की छापेमारी का उद्देश्य अतिरिक्त प्रमाण एकत्र करना और अवैध धन की पहचान करना है।

आलोक मेहता बिहार के उजियारपुर सीट से विधायक हैं और लालू प्रसाद यादव के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनता दल के एक प्रमुख नेता माने जाते हैं। वे पहले राज्य में राजस्व और भूमि सुधार मंत्री के पद पर कार्यरत रहे थे और उन्हें लालू परिवार का करीबी माना जाता है।

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