प्रयागराज महाकुंभ मेले की तैयारियों के बीच, जहां योगी सरकार व्यवस्थाओं को बेहतर बनाने में लगी है, वहीं साइबर अपराधी भी सक्रिय हो गए हैं। महाकुंभ में देश-विदेश से लाखों श्रद्धालुओं के आने की संभावना है, जो अभी से होटल, टेंट और कॉटेज की बुकिंग कर रहे हैं। साइबर ठग इसका फायदा उठाने की कोशिश कर रहे हैं, और इसी कारण राजस्थान पुलिस ने इस संबंध में अलर्ट जारी किया है।
फर्जी वेबसाइटों के माध्यम से ठगी महाकुंभ मेले के लिए प्रयागराज में होटल, टेंट और कॉटेज की बुकिंग के नाम पर कई फर्जी वेबसाइटों के माध्यम से ठगी के मामले सामने आए हैं। साइबर थाना पुलिस ने ऐसी वेबसाइटों को पहचान कर कार्रवाई शुरू की है और अब तक चार फर्जी वेबसाइटों पर मुकदमा दर्ज कर उन्हें बंद कराया है।
ठगी का तरीका साइबर अपराधी महाकुंभ के दौरान कोटेज, होटल, लॉज और टेंट की बुकिंग के लिए नकली वेबसाइट और फर्जी लिंक तैयार कर रहे हैं, जिनके जरिए वे लोगों से एडवांस में पैसे मांगते हैं। इस तरह से कई लोग ठगी का शिकार हो रहे हैं। पुलिस इन वेबसाइटों को बंद कर लोगों को जागरूक करने की कोशिश कर रही है।
राजस्थान पुलिस का चेतावनी यह केवल उत्तर प्रदेश पुलिस का ही मुद्दा नहीं है, बल्कि राजस्थान पुलिस ने भी लोगों को इस ठगी के प्रति चेतावनी दी है। साइबर क्राइम के डीजी हेमंत प्रियदर्शी ने बताया कि विशेष अवसरों पर साइबर ठग अधिक सक्रिय हो जाते हैं। महाकुंभ के लिए फर्जी वेबसाइटों और लिंक के जरिए ठगी के मामले बढ़ने की संभावना है। उन्होंने लोगों से अपील की है कि वे केवल आधिकारिक वेबसाइटों के माध्यम से ही होटल, टेंट और कॉटेज की बुकिंग करें।
अगर आप साइबर ठगी का शिकार हो जाएं तो तुरंत साइबर हेल्पलाइन 1930 पर कॉल करें या http://cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज करें।
फर्जी ठगी से बचने के उपाय
- सत्यापित पोर्टल्स का उपयोग करें: बुकिंग के लिए केवल सरकारी और प्रमाणित वेबसाइटों का ही इस्तेमाल करें।
- फर्जी पत्रों पर विश्वास न करें: बुकिंग कन्फर्मेशन पत्र की सत्यता की जांच करें। अगर कोई संदेह हो, तो संबंधित अधिकारियों से संपर्क करें।
- पेमेंट से पहले जांच करें: ऑनलाइन पेमेंट करते समय प्राप्तकर्ता की प्रमाणिकता और ट्रांजैक्शन डिटेल्स की जांच करें।
- हेल्पलाइन का इस्तेमाल करें: महाकुंभ आयोजन समिति और उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा जारी हेल्पलाइन नंबर से सही जानकारी प्राप्त करें।
- सतर्क रहें: किसी भी अनधिकृत पोर्टल या लिंक पर भरोसा न करें।