कर्नाटक गृह मंत्रालय ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के एमएलसी सीटी रवि और राज्य की महिला एवं बाल कल्याण मंत्री लक्ष्मी हेब्बालकर से जुड़ी घटना की जांच आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) को सौंप दी है। सीआईडी अब रवि द्वारा हाल ही में विधानसभा सत्र के दौरान हेब्बालकर के खिलाफ इस्तेमाल किए गए अपमानजनक और असंसदीय शब्दों से संबंधित ऑडियो और वीडियो साक्ष्यों की जांच करेगी।
महिला मंत्री पर अपमानजनक टिप्पणी का आरोप
यह घटना 19 दिसंबर को कर्नाटक विधान परिषद में हुई, जहां मंत्री हेब्बालकर ने सीटी रवि पर अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया था। उनके अनुसार, रवि ने उन्हें ‘वेश्या’ कहा। मंत्री की शिकायत पर उसी शाम सीटी रवि को बेलगावी में गिरफ्तार कर लिया गया, लेकिन बाद में उन्हें कर्नाटक उच्च न्यायालय से राहत मिली और उन्हें रिहा कर दिया गया।
मंत्री ने बीजेपी नेताओं पर कसा तंज
मंत्री हेब्बालकर ने पत्रकारों से बातचीत में इस घटना पर हैरानी और निराशा जताई। उन्होंने कहा, “मैं सदमे में हूं। मैंने कभी किसी से ऐसा शब्द नहीं सुना था। मैंने 26 साल तक संघर्ष किया और अन्याय से लड़ा, तब जाकर इस स्तर तक पहुंची हूं।” मंत्री ने बीजेपी के नेताओं, जैसे राज्य अध्यक्ष बीवाई विजयेंद्र और विपक्ष के नेता आर अशोक, को भी निशाने पर लिया। उन्होंने आरोप लगाया कि इन नेताओं ने एक महिला के अपमान के बावजूद रवि का समर्थन किया और पूरे राज्य में जुलूस और महिमामंडन किया।
सीटी रवि ने अपने खिलाफ आरोपों को नकारा
वहीं, सीटी रवि ने अपनी गिरफ्तारी के दौरान पुलिस पर दुर्व्यवहार का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि उन्हें बिना भोजन या आराम के कई जगहों पर ले जाया गया। इस पर हेब्बालकर ने रवि के आरोपों को राजनीतिक रंग देने की कोशिश करार दिया और इसे खारिज कर दिया।