सेंट्रल दिल्ली पुलिस ने पिछले छह दिनों में 9 बांग्लादेशी नागरिकों को हिरासत में लिया है। यह कार्रवाई एक बड़े जांच अभियान का हिस्सा थी, जिसमें दिल्ली में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी नागरिकों को पकड़ा गया। पुलिस के अनुसार, सात बांग्लादेशी नागरिकों को नवी करीम नामक होटल से गिरफ्तार किया गया। ये लोग भारत टूरिस्ट वीजा पर आए थे और फिर फर्जी दस्तावेजों के जरिए यहां रहने लगे थे।
इसके अतिरिक्त, कुछ बांग्लादेशी नागरिक डंकी रूट के माध्यम से भारत पहुंचे थे। इस रूट का इस्तेमाल करके वे पहले पश्चिम बंगाल और त्रिपुरा से होते हुए दिल्ली पहुंचे। यह रूट अवैध तरीके से सीमा पार करने के लिए प्रयोग किया जाता है। अब तक, सेंट्रल दिल्ली पुलिस कुल 14 बांग्लादेशी नागरिकों को हिरासत में ले चुकी है, और उन्हें फॉरेनर्स रजिस्ट्रेशन ऑफिस (FRRO) के पास भेज दिया गया है, जहां उनकी कागजातों की जांच की जाएगी।
इसके पहले, दक्षिण-पश्चिमी दिल्ली के पालम गांव में एक बांग्लादेशी नागरिक को अवैध रूप से रहने के आरोप में पकड़कर उसे उसके देश वापस भेजा गया था। पुलिस ने बताया कि यह व्यक्ति पिछले तीन साल से इस क्षेत्र में रह रहा था। बांग्लादेशी नागरिक मोहम्मद शाहिदुल इस्लाम का नाम सामने आया था, और जब उससे भारतीय वैध दस्तावेजों के बारे में पूछा गया, तो वह कोई कानूनी दस्तावेज नहीं दिखा सका। उसके पास केवल बांग्लादेशी दस्तावेजों की फोटोकॉपी थी। उसने स्वीकार किया कि वह भारत में अवैध रूप से प्रवेश करके यहां रह रहा था। इसके बाद पुलिस और FRRO की मदद से उसे बांग्लादेश वापस भेजा गया।
दिल्ली पुलिस ने यह भी जानकारी दी कि 2024 तक बिना वैध दस्तावेजों के दिल्ली में रह रहे 132 विदेशी नागरिकों को निर्वासित किया जाएगा। इनमें से अधिकांश नागरिक नाइजीरिया, आइवरी कोस्ट, गिनी, उज्बेकिस्तान, घाना, युगांडा और सेनेगल के थे।