संसद परिसर में हुए धक्कामुक्की के घटनाक्रम में बीजेपी सांसदों प्रताप सारंगी और मुकेश राजपूत घायल हो गए थे। दोनों को पहले दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल (RML) में भर्ती कराया गया था, लेकिन बाद में उनकी हालत को देखते हुए उन्हें नोएडा के कैलाश अस्पताल में भर्ती किया गया। 19 दिसंबर को दोनों सांसदों को अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उनकी सिर में चोटें आई थीं और प्रताप सारंगी के सिर में टांके भी लगे थे। चार दिन बाद उन्हें अस्पताल से छुट्टी मिल गई।
19 दिसंबर को क्या हुआ था? दरअसल, आंबेडकर पर अमित शाह के बयान के विरोध में विपक्षी सांसद संसद परिसर में प्रदर्शन कर रहे थे, जबकि बीजेपी सांसद भी प्रदर्शन कर रहे थे। इस दौरान मकर द्वार के पास दोनों पक्षों के बीच धक्का-मुक्की हो गई, जिसमें बीजेपी के सांसद प्रताप चंद्र सारंगी और मुकेश राजपूत घायल हो गए। इस घटना में राहुल गांधी पर सांसदों को धक्का देने का आरोप लगा।
बीजेपी ने राहुल गांधी के खिलाफ संसद स्ट्रीट थाने में शिकायत दर्ज कराई, और इसके बाद राहुल के खिलाफ 6 धाराओं में केस दर्ज किया गया। मामला भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 109, 115, 117, 125, 131 और 351 के तहत दर्ज हुआ था। बाद में इस मामले की जांच क्राइम ब्रांच को सौंप दी गई।
प्रधानमंत्री मोदी ने अस्पताल में भर्ती दोनों सांसदों से फोन पर बात की और उनकी तबियत के बारे में जानकारी ली। पीएम मोदी ने उन्हें आश्वस्त किया कि उनकी हालत में सुधार होगा। इसके बाद केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, शिवराज सिंह चौहान और गिरिराज सिंह समेत कई अन्य बीजेपी नेताओं ने अस्पताल जाकर दोनों सांसदों से मुलाकात की।
आंबेडकर पर अमित शाह के बयान के बाद सियासी विवाद गहरा गया है। 17 दिसंबर को अमित शाह ने संसद में आंबेडकर के बारे में टिप्पणी की थी, जिसके बाद कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने बीजेपी पर तीखा हमला बोला।