बुधवार को दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने अप्सरा बॉर्डर से आनंद विहार तक के 2.2 किलोमीटर लंबे फ्लाईओवर का उद्घाटन किया। इस फ्लाईओवर के चालू होने से इस सड़क पर लगने वाले तीन ट्रैफिक सिग्नल खत्म हो जाएंगे, जिससे यात्रा सुगम और तेज़ हो जाएगी। मुख्यमंत्री ने बताया कि इस फ्लाईओवर के निर्माण से वाहन चालकों का समय बचेगा और ईंधन की खपत में भी कमी आएगी।
उन्होंने कहा कि इससे न केवल समय की बचत होगी, बल्कि वाहनों में डीजल और पेट्रोल की खपत भी घटेगी। एक अनुमान के मुताबिक, हर दिन करीब 40,300 लीटर ईंधन की बचत होगी, जिससे पर्यावरण को भी लाभ मिलेगा। यह बचत 5,900 पेड़ों के द्वारा हवा को साफ करने के बराबर मानी जा रही है।
फ्लाईओवर पर दो पेड़ अभी भी मौजूद हैं, जिन्हें काटने की मंजूरी नहीं मिली है। ये पेड़ आनंद विहार से अप्सरा बॉर्डर जाने वाले मार्ग पर हैं। सुरक्षा के लिहाज से इन पेड़ों को बैरिकेड्स लगाकर घेरा गया है और यहां गार्ड की तैनाती भी की गई है।
ट्रैफिक जाम से राहत
रोड नंबर-56 पर बने इस फ्लाईओवर के शुरू होने से रामप्रस्थ कॉलोनी, विवेक विहार, विज्ञान विहार और श्रेष्ठ विहार इलाके के लोगों को ट्रैफिक जाम से राहत मिलेगी। पहले इस 2.5 किलोमीटर के सफर में 20-25 मिनट लगते थे, लेकिन अब यह दूरी केवल 5 मिनट से भी कम समय में तय की जा सकेगी।
50,000 वाहन चालकों को लाभ
फ्लाईओवर से रोजाना करीब 50,000 वाहन चालकों को फायदा होगा, जो आनंद विहार और गाजियाबाद के बीच आवाजाही करते हैं। पहले जहां इस सफर में आधा घंटा लग जाता था, अब केवल 5 से 7 मिनट का समय लगेगा। खासकर कामकाजी लोगों के लिए यह फ्लाईओवर बेहद फायदेमंद साबित होगा, क्योंकि इससे उनके ऑफिस पहुंचने में देरी नहीं होगी।
प्रदूषण में कमी
वाहन चालकों का कहना है कि पहले जहां 30 मिनट तक इंजन चालू रहता था, अब केवल 5-7 मिनट तक ही ईंधन जलेगा। इससे न सिर्फ ईंधन की खपत घटेगी बल्कि प्रदूषण का स्तर भी कम होगा। गाजियाबाद और आसपास के लोगों को इस फ्लाईओवर के बनने से बड़ी राहत महसूस हो रही है।इस तरह, फ्लाईओवर ने न सिर्फ यात्रा को आसान बनाया है बल्कि पर्यावरण और ईंधन बचत के मामले में भी एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है।