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UP में 13 नवंबर को होगा विधानसभा उपचुनाव, 23 नवंबर को नतीजे

यूपी में 2027 में होने वाले विधानसभा चुनाव का सेमीफाइनल कहे जाने वाले उपचुनाव का खाका तैयार हो चुका है. सभी सीटों पर 13 नवंबर को एक साथ मतदान होगा और 23 नवंबर को वोटों की गिनती के साथ नतीजे घोषित किए जाएंगे. चुनाव आयोग ने मंगलवार को यूपी की दस में से नौ विधानसभा सीटों पर उपचुनाव की घोषणा की। अयोध्या या मिल्कीपुर सीट पर उपचुनाव नहीं होगा. इसके पीछे कुछ त्योहारों और मेलों को कारण बताया जाता है। जिन सीटों पर वोटिंग होगी उनमें मैनपुरी से करहल, अलीगढ से खैर, बिजनौर से मीरापुर, प्रयागराज से फूलपुर, गाजियाबाद से गाजियाबाद, मिर्ज़ापुर से मझवां, अंबेडकरनगर से कटेहरी, संभल से कुंदरकी और कानपुर से सीसामऊ शामिल हैं.

चुनाव आयोग की ओर से जारी शेड्यूल के मुताबिक 18 अक्टूबर को अधिसूचना के साथ नामांकन शुरू हो जाएगा. 25 अक्टूबर तक नामांकन दाखिल किया जा सकेगा. नामांकन पत्रों की जांच 28 अक्टूबर को होगी और 30 अक्टूबर तक नाम वापस लिये जा सकेंगे.

लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के गठबंधन से हारने के बाद उपचुनाव बीजेपी के लिए 2027 के विधानसभा चुनाव से पहले माहौल बनाने का मौका है. बीजेपी ने इसके लिए काफी पहले से तैयारी भी शुरू कर दी है. सभी सीटों के लिए तीन-तीन मंत्रियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है. लोकसभा चुनाव के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद सभी दस सीटों का दौरा कर चुके हैं

सपा ने दस में से छह सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है. पहली बार उपचुनाव मैदान में उतर रही बसपा ने मिल्कीपुर समेत दस में से पांच सीटों पर प्रत्याशी भी घोषित कर दिए हैं। बीजेपी के उम्मीदवारों की घोषणा भी एक-दो दिन में होने की संभावना है. बीजेपी दस में से नौ सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है. मीरापुर से एक सीट जयंत चौधरी की पार्टी रालोद को दी जा सकती है.

लोकसभा चुनाव में बीजेपी को सबसे बड़ा नुकसान यूपी में हुआ. पिछली बार यूपी की 80 सीटों पर हुए चुनाव में बीजेपी ने 62 सीटें जीती थीं. इस बार उन्होंने 33 से जीत हासिल की. सहयोगी दल रालोद ने दो और अपना दल ने एक सीट जीती। इससे एनडीए को 36 सीटें जीतने में मदद मिली. अकेले सपा ने 37 से ज्यादा सीटें जीतीं. कांग्रेस ने छह सीटें जीतीं.

उपचुनाव के नतीजे तय करेंगे कि यूपी में सपा-कांग्रेस की जीत मामूली थी या फिर बीजेपी को और मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा. उपचुनाव में बीजेपी के लिए चुनौती इसलिए भी बड़ी है क्योंकि लोकसभा चुनाव के दौरान इन नौ सीटों में से पांच पर एसपी ने जीत हासिल की थी.

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