लखनऊ – 4 जुलाई से सावन माह का शुभारंभ हुआ है.आज मंगलवार को सावन का पहला मंगला गौरी व्रत भी है. आज के दिन मंगला गौरी व्रत, त्रिपुष्कर योग और रुद्राभिषेक के लिए शिववास का सुंदर संयोग बना है. पहले दिन आप शिव-गौरी पूजा से अपने जीवन में अपार खुशियां पा सकते हैं. पति की लंबी आयु, विवाह में देरी की समस्या, संतान सुख, अखंड सौभाग्य, सुखी दांपत्य जीवन या अन्य मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए आज मां मंगला गौरी की विधिपूर्वक पूजा करें. तिरुपति के ज्योतिषाचार्य डॉ. कृष्ण कुमार भार्गव से जानते हैं मंगला गौरी के पूजा मुहूर्त, शुभ योग और सावन के पहले दिन रुद्राभिषेक समय के बारे में.
आज मंगला गौरी व्रत के दिन त्रिपुष्कर योग और इन्द्र योग बना है. आज सूर्योदय काल से लेकर सुबह 11:50 बजे तक इंद्र योग है, वहीं त्रिपुष्कर योग दोपहर 01:38 बजे से कल सुबह 05:28 बजे तक मान्य है.
आज प्रात: स्नान करने के बाद मंगला गौरी और शिव पूजा का संकल्प करें. उसके बाद शुभ मुहूर्त में एक चौकी पर भगवान शिव, माता मंगला गौरी और गणेश जी को स्थापित करें. फिर सबसे पहले गणेश जी की पंचोपचार पूजन करें. फिर भगवान शिव का गंगाजल, बेलपत्र, चंदन, फूल, फल, माला, अक्षत्, धतूरा, भांग आदि से पूजन करें.