शारदीय नवरात्रि 15 अक्टूबर से शुरू हो गई है हिंदू धर्म में शारदीय नवरात्रि का विशेष महत्व है। यह त्यौहार देवी शक्ति माँ दुर्गा की आराधना को समर्पित है। नवरात्रि के नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है। इन नौ दिनों में पूजा पाठ के लिए मां के 9 अलग-अलग रंगों का उपयोग किया जाता है। मां के हर स्वरूप के लिए अलग-अलग मंत्रों का जाप किया जाता है। मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा के दौरान नवदुर्गा के बीज मंत्रों का जाप करना भक्तों के लिए बहुत लाभकारी होता है। जानिए मां दुर्गा के 9 स्वरूपों के बीज मंत्र.
नवरात्रि में करें इन मंत्रों का जाप
– नवरात्रि के पहले दिन मां दुर्गा के शैलपुत्री स्वरूप की पूजा की जाती है। मां दुर्गा की पूजा में दुर्गा सप्तशती का पाठ बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन माता शैलपुत्री का ध्यान और उनके मंत्रों का जाप किया जाता है। मां के इस रूप का मंत्र है, ‘ओम शैलपुत्र्यै नम:।’
– नवरात्रि के दूसरे दिन मां दुर्गा के ब्रह्मचारिणी स्वरूप की पूजा की जाती है। पहले दिन क्यों करें दुर्गासप्तशती का पाठ? इस दिन मां भगवती का ध्यान करके तीसरे स्कंध से चौथे स्कंद के 8वें अध्याय तक का पाठ करना चाहिए। इसके बाद मां ‘ओम ब्रह्मचारिण्यै नम:’ मंत्र का जाप करें।
– तीसरे दिन देवी दुर्गा की चंद्रमा के रूप में पूजा की जाती है। इस दिन चौथे स्कंध के 9वें अध्याय से शुरू करके पांचवें स्कंध के 18वें अध्याय तक देवी भागवत का पाठ करना चाहिए। इस दिन ‘ओम चंद्रघण्टाय नमः’ का जाप किया जाता है।
– नवरात्रि के चौथे दिन देवी दुर्गा के कुष्मांडा स्वरूप की पूजा की जाती है। मां भगवती का ध्यान करके देवी भागवत का पाठ किया जाता है। पांचवें स्कंध के 19वें अध्याय से शुरू करके छठे स्कंध के 18वें अध्याय तक पाठ करना चाहिए। इनका मंत्र है, ‘ॐ कुष्माण्डायै नम:’
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– नवरात्रि के 5वें दिन माता के स्कंदमाता स्वरूप की पूजा की जाती है। इस दिन मां भगवती की आरती करने के बाद मां का ध्यान मंत्र का ध्यान करना चाहिए। इनका मंत्र है, ‘ॐ स्कंदमात्रै नमः।’
– नवरात्रि के छठे दिन माता कात्यायनी की पूजा की जाती है। मां भगवती का ध्यान करने के बाद 7वें स्कंध के 19वें अध्याय से शुरू करके 8वें स्कंध के 17वें अध्याय तक देवी भागवत का पाठ करना चाहिए। मां के इस स्वरूप के लिए ‘ओम कात्यायन्यै नम:’ मंत्र का जाप करना सर्वोत्तम होता है।
– नवरात्रि के सातवें दिन मां दुर्गा के कालरात्रि स्वरूप की पूजा की जाती है। मां भगवती का ध्यान करने के बाद देवी भागवत के आठवें स्कंध के 18वें अध्याय से 9वें स्कंद के 28वें अध्याय तक का पाठ करना चाहिए।
– नवरात्रि के आठवें दिन मां दुर्गा के महागौरी स्वरूप की पूजा की जाती है। इस दिन मां भगवती का ध्यान करके 9वें स्कंध के 29वें अध्याय से लेकर 10वें स्कंध के अंत तक देवी भागवत का पाठ करना चाहिए। इनका ध्यान और मंत्र ‘ॐ महागौर्ये नम:’ का जाप करें।
– नवरात्रि के 9वें दिन मां दुर्गा के सिद्धिदात्री स्वरूप की पूजा की जाती है। देवी भागवत के 11वें स्कंध के पहले अध्याय से शुरू करके 12वें स्कंध के अंत तक इसका पाठ करना चाहिए। अंतिम दिन की समाप्ति के बाद हवन करना चाहिए। मां के मंत्र में ‘ॐ सिद्धिदात्र्यै नमः’ है।