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पहले अनदेखी से आत्महत्या को मजबूर थे किसान – योगी आदित्यनाथ

लखनऊ – प्रदेश के 86 लाख किसानों का कर्ज माफ किया गया है जबकि वर्ष 2017 से पहले प्रदेश के किसान आत्महत्या करने को मजबूर थे। वह कर्ज में डूब हुए थे। खेती के लिए बिजली, खाद और सिंचाई की कोई व्यवस्था नहीं थी। पिछली सरकारों की अनदेखी से चीनी मील बंद हो रही थीं। हमारी सरकार सत्ता में आई तो मुश्किल से 110 चीनी मिलें चल रहीं थी। उन पर भी वर्ष 2010 से 2017 के बीच गन्ना मूल्य का बकाया था। हमने सबसे पहले गन्ना किसानों के बकाया का भुगतान किया और 120 चीनी मिलें को संचालन कराया।

इतना ही नहीं कोरोना के दौरान जब देश के अन्य राज्यों में चीनी मीलें बंद हो रहीं थीं तो प्रदेश मजबूती के साथ चीनों मिलों को चला रहा था। पिछले साढ़े छह वर्षों में डबल इंजन की सरकार ने लगभग 7 लाख करोड़ की राशि सीधे अन्नदाता के खाते में भेजी है। ये बातें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को गन्ना किसान संवाद कार्यक्रम में कही। इस दौरान गन्ना किसानों ने योगी सरकार का गन्ने के एसएपी पर 20 रुपये प्रति कुंतल बढ़ोतरी पर खुशी जाहिर करते हुए उनका आभार प्रकट किया।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जब हमारी सरकार आई तो गन्ना किसानों को गन्ने का समर्थन मूल्य 315 रुपये प्रति कुंतल दिया जाता था, लेकिन वह पैसा भी उनको नहीं मिल पाता था। इस पर हमने काम शुरू किया और आज 120 चीनी मिलों में 105 चीनी मिलें 10 दिन के अंदर गन्ना मूल्य का भुगतान कर रहीं हैं। वहीं इसे शत प्रतिशत करने पर युद्धस्तर पर काम किया जा रहा है। आज गन्ना किसानों को गन्ने का समर्थन मूल्य 370 रुपये प्रति कुंतल दिया जा रहा है। सीएम योगी ने कहा कि डबल इंजन की सरकार ने अयोध्या धाम में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम से पहले गन्ना किसानों को एसएपी में बढ़ोतरी का उपहार दिया है क्योंकि भगवान की पूजा से पहले अन्नपूर्णा देवता को भोग लगाया जाता है। इसी को ध्यान में रखते हुए हमने यह फैसला लिया। सीएम योगी ने किसानों को आश्वस्त करते हुए कहा कि डबल इंजन की सरकार पूरी ईमानदारी और प्रतिबद्धता के साथ उनके साथ खड़ी है। गत वर्ष हमने आम के 4 किसानों को मास्को भेजा था। यहां पर जो आम 40 से 50 रुपये किलो बिक रहा था, वहीं मास्को बाजार में पहुंचा तो 800 से लेकर 1000 प्रति किलो में बिका। इससे अन्नदातों की आय में बढ़ोतरी हो रही है और वह समृद्ध हो रहे हैं। यह डबल इंजन की सरकार की किसानों के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

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