दिल्ली में पिछले तीन विधानसभा चुनावों में कमजोर प्रदर्शन करने वाली कांग्रेस इस बार पूरे जोश और नई रणनीति के साथ मैदान में उतर रही है। हालांकि, पार्टी का चुनावी एजेंडा अब भी पूरी तरह स्पष्ट नहीं है, जिससे सियासी तस्वीर धुंधली बनी हुई है। मकर संक्रांति से एक दिन पहले कांग्रेस अपना प्रचार अभियान शुरू करेगी, जिसका आगाज़ राहुल गांधी करेंगे। इसके बाद प्रियंका गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे जैसे वरिष्ठ नेता भी अभियान को धार देंगे।
राहुल गांधी सोमवार को पूर्वी दिल्ली के मुस्लिम बहुल क्षेत्र सीलमपुर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस के चुनाव प्रचार की शुरुआत करेंगे। अगर राहुल गांधी अपने चिर-परिचित अंदाज में बीजेपी के साथ-साथ आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल पर भी हमला बोलते हैं, तो कांग्रेस का चुनावी एजेंडा और स्पष्ट हो सकता है।
त्रिकोणीय मुकाबले की तैयारी में कांग्रेस
दिल्ली चुनाव को त्रिकोणीय बनाने की कोशिश में कांग्रेस पूरी ताकत झोंक रही है। हालांकि, पार्टी की सफलता काफी हद तक हाईकमान की रणनीति पर निर्भर करेगी। राहुल गांधी की इस चुनाव अभियान में भूमिका बेहद अहम मानी जा रही है। अगर कांग्रेस अपने आक्रामक तेवर बरकरार रखती है, तो यह चुनावी लड़ाई और दिलचस्प हो सकती है। राहुल गांधी की पहली रैली कांग्रेस के पारंपरिक वोटबैंक वाले इलाके सीलमपुर में आयोजित की गई है, जहां आम आदमी पार्टी से सीधा मुकाबला है।
कांग्रेस की खोई जमीन वापसी की कोशिश
दिल्ली में कांग्रेस अपनी खोई हुई सियासी जमीन वापस पाने के लिए जी-तोड़ मेहनत कर रही है। पार्टी ने नवंबर और दिसंबर में न्याय यात्राओं और एलईडी स्क्रीन के माध्यम से आम आदमी पार्टी की नीतियों की आलोचना की थी। कांग्रेस ने इस दौरान अरविंद केजरीवाल की सरकार को भ्रष्टाचार और निष्क्रियता के आरोपों के साथ घेरा। इसके अलावा, पार्टी ने प्रमुख विधानसभा क्षेत्रों में मजबूत उम्मीदवार उतारे हैं, जैसे कि कालकाजी से अलका लांबा और सीलमपुर से अब्दुल रहमान।
कांग्रेस ने आप के वादों को चुनौती देने के लिए कई लोकलुभावन योजनाओं की घोषणा की है। ‘प्यारी दीदी योजना’ के तहत महिलाओं को ₹2500 प्रति माह, शिक्षित बेरोजगारों को ₹8500 प्रति माह, और हर नागरिक के लिए ₹25 लाख का स्वास्थ्य बीमा शामिल है। पार्टी ने बिजली मुफ्त करने जैसे वादों पर भी चर्चा की है।
कांग्रेस पर दबाव बनाने के लिए विपक्षी दलों ने आम आदमी पार्टी के समर्थन में बयान दिए हैं। इसके बावजूद, कांग्रेस बीजेपी और आप दोनों के खिलाफ आक्रामक रुख बनाए हुए है। ऐसे में राहुल गांधी की पहली रैली पार्टी के अभियान की दिशा तय करने में निर्णायक साबित हो सकती है।