
प्रयागराज के महाकुंभ में आज उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने मंत्रिपरिषद के साथ संगम में पवित्र स्नान किया और संगम तट पर पूजा अर्चना की। कैबिनेट की बैठक में अहम निर्णय लेने के बाद सीएम योगी 54 मंत्रियों के साथ संगम पहुंचे और आस्था की डुबकी लगाई। महाकुंभ के दौरान योगी कैबिनेट ने कई महत्वपूर्ण फैसले किए, जिनमें सबसे बड़ा निर्णय गंगा एक्सप्रेसवे के विस्तार को मंजूरी देना था। इस परियोजना के तहत गंगा एक्सप्रेसवे को उत्तर प्रदेश के दो प्रमुख एक्सप्रेसवे, पूर्वांचल एक्सप्रेसवे और बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे से जोड़ा जाएगा। इससे प्रदेश के सभी जिलों को हाई-स्पीड नेटवर्क मिलेगा।
योगी कैबिनेट ने गंगा एक्सप्रेसवे के विस्तार को मंजूरी दे दी है, जिसके तहत यह एक्सप्रेसवे प्रयागराज से मिर्जापुर, भदोही, वाराणसी, चंदौली, गाजीपुर होते हुए पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से जुड़ेगा। इस मार्ग की शुरुआत में छह लेन बनाने की योजना है, लेकिन आवश्यकता पड़ने पर इसे आठ लेन तक बढ़ाया जा सकता है। इसके साथ ही चित्रकूट से प्रयागराज को जोड़ने की योजना भी तैयार है। गंगा एक्सप्रेसवे को बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे से जोड़ने के प्रस्ताव को भी कैबिनेट ने स्वीकृति दी है, जिससे रोड कनेक्टिविटी में और सुधार होगा।
मेरठ से प्रयागराज तक बनने वाला गंगा एक्सप्रेसवे अब मिर्जापुर, भदोही, वाराणसी, चंदौली और गाजीपुर से होकर पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से जुड़ जाएगा। इससे पश्चिमी उत्तर प्रदेश और एनसीआर से बिहार के लिए नया मार्ग उपलब्ध होगा, खासकर गाजीपुर का इलाका बिहार से जुड़ा है। इस प्रस्ताव के तहत गंगा एक्सप्रेसवे एक्सटेंशन के बाद यह मार्ग प्रयागराज से मिर्जापुर, भदोही, वाराणसी, चंदौली और गाजीपुर से होकर पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से जुड़ेगा। साथ ही वाराणसी से चंदौली और चंदौली से सोनभद्र को जोड़ा जाएगा। इस एक्सप्रेसवे को प्रयागराज-विंध्य-काशी एक्सप्रेसवे के रूप में जाना जाएगा।
गंगा एक्सप्रेसवे का पहले चरण का निर्माण मेरठ से प्रयागराज तक किया जा रहा है, जो करीब 594 किलोमीटर लंबा होगा। इस एक्सप्रेसवे के बनने से मेरठ से प्रयागराज तक का सफर महज छह घंटे में पूरा किया जा सकेगा। यह एक्सप्रेसवे मेरठ से शुरू होकर हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, और प्रतापगढ़ से होते हुए प्रयागराज पहुंचेगा और कुल 518 गांवों से गुजरेगा।
दूसरे चरण के निर्माण के बाद यह गंगा एक्सप्रेसवे सबसे बड़ा एक्सप्रेसवे बन जाएगा, क्योंकि दूसरे चरण में यह मिर्जापुर, भदोही, वाराणसी, गाजीपुर और बलिया जैसे जिलों से जुड़ जाएगा, जिससे इसका कुल विस्तार 350 किलोमीटर होगा। पहले चरण का काम अब अंतिम चरण में है, और रूट के कई जिलों में इंटरचेंजिंग और ओवरब्रिज का निर्माण कार्य चल रहा है। हालांकि, गंगा एक्सप्रेसवे को महाकुंभ से पहले शुरू करने की योजना थी।