
दिल्ली पुलिस ने खुद को सीबीआई अधिकारी बताकर ‘डिजिटल अरेस्ट’ के जरिए 44.50 लाख रुपये ठगने वाले चार साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है। इस तरह के अपराध में जालसाज किसी पर कानून तोड़ने का झूठा आरोप लगाकर पैसे वसूलते हैं।
मामला तब सामने आया जब मयूर विहार फेज-1 निवासी वीरेंद्र कुमार इंदौरा ने 29 जनवरी को पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने बताया कि एक व्यक्ति ने उन्हें फोन कर खुद को सीबीआई अधिकारी बताया और आपराधिक गतिविधियों में शामिल होने का झूठा आरोप लगाया। गिरफ्तारी से बचाने के नाम पर उनसे 44.50 लाख रुपये ट्रांसफर करवा लिए गए।
जांच में पता चला कि यह रकम जयपुर निवासी दिनेश सिंघाड़िया के बैंक खाते में गई, जहां से इसे चेक के जरिए निकाला गया। 5 मार्च को पुलिस ने जयपुर में छापेमारी कर दिनेश को गिरफ्तार किया। पूछताछ में उसने बताया कि इस ठगी में पांच अन्य लोग भी शामिल हैं। इसके बाद बैंक खाता खोलने में मदद करने वाले प्रशांत वर्मा को भी गिरफ्तार कर लिया गया।
पुलिस जांच में सामने आया कि मुख्य साजिशकर्ता महेश नेहरा था, जिसका अंतरराष्ट्रीय साइबर अपराधियों से सीधा संपर्क था। उसने प्रकाश चौधरी की मदद से धोखाधड़ी के पैसों को सफेद किया। इसके अलावा राजस्थान के कुचामन से गजेंद्र कुमार को गिरफ्तार किया गया, जिसने दिनेश को बैंक से पैसा निकालने में मदद की थी। पुलिस ने गिरोह के चार मोबाइल फोन भी बरामद किए।
गिरफ्तार आरोपियों की पृष्ठभूमि देखी जाए तो दिनेश जयपुर में डीजे सहायक और मजदूरी करता था। प्रशांत वर्मा भी डीजे का काम करता था, जबकि प्रकाश चौधरी ने कॉलेज की पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी थी। वहीं, गजेंद्र कुमार बीएससी स्नातक है और सरकारी परीक्षाओं की तैयारी कर रहा था। पुलिस के अनुसार, ये सभी अंतरराष्ट्रीय साइबर अपराधियों के संपर्क में थे और ठगी के पैसों को निकालकर उनके विदेशी साथियों तक पहुंचाने का काम करते थे।