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न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक घोटाले में बड़ा खुलासा, EOW ने वांटेड दंपति की संपत्तियों की पोल खोली

    मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) 122 करोड़ रुपये के न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक घोटाले की जांच कर रही है। जांच के दौरान यह सामने आया है कि इस मामले में वांटेड पूर्व अध्यक्ष हिरेन भानु और उनकी पत्नी गौरी भानु, जो बैंक की कार्यवाहक अध्यक्ष और उपाध्यक्ष भी थीं, ने 2019 से 2024 के बीच कई संपत्तियां खरीदी हैं। अधिकारियों को संदेह है कि ये संपत्तियां घोटाले से अर्जित धन से ली गई हो सकती हैं, क्योंकि इसी अवधि में बैंक से 122 करोड़ रुपये की हेराफेरी हुई थी।

    EOW कर रही संपत्तियों की जब्ती की तैयारी

    EOW अब इन फरार दंपति की संपत्तियों को जब्त करने की प्रक्रिया पर विचार कर रही है। हालांकि, इस मामले में महाराष्ट्र प्रोटेक्शन ऑफ इंटरेस्ट ऑफ डिपॉजिटर्स (MPID) अधिनियम लागू नहीं किया जा सकता, जो पुलिस को बिना अदालत की अनुमति के संपत्ति जब्त करने का अधिकार देता है। इसी कारण, EOW अब बीएनएसएस (BNSs) की नई धाराओं का सहारा लेने की संभावनाएं तलाश रही है।

    घोटाले से पहले खरीदी गई करोड़ों की संपत्तियां

    सूत्रों के मुताबिक, हिरेन भानु और गौरी भानु घोटाले के उजागर होने से पहले ही देश छोड़कर फरार हो गए थे। भागने से पहले, उन्होंने मुंबई और उसके आसपास के इलाकों में 10-12 करोड़ रुपये की संपत्तियां खरीदी थीं। जब EOW ने इन संपत्तियों की जांच की, तो उन्हें संदेह हुआ कि ये अपराध की आय (Proceeds of Crime) हो सकती हैं।

    BNSs की धारा 107 जोड़ने पर विचार

    EOW अब बीएनएसएस (BNSs) की धारा 107 जोड़ने पर विचार कर रही है, जो संपत्ति की कुर्की, जब्ती या बहाली से संबंधित है। इस धारा के तहत, यदि किसी विशेष अधिनियम, जैसे MPID, को एफआईआर में लागू नहीं किया जा सकता, तो पुलिस को संपत्ति जब्त करने का अधिकार मिल सकता है। अधिकारियों का कहना है कि वे इस धारा को एफआईआर में जोड़ने की संभावनाएं तलाश रहे हैं ताकि कानूनी रूप से संपत्तियों को जब्त किया जा सके।

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