
पटना: बिहार सरकार ने राज्य में जारी भूमि सर्वेक्षण कार्य की समय सीमा को पांच महीने बढ़ा दिया है। अब यह कार्य जुलाई 2026 के बजाय दिसंबर 2026 तक पूरा किया जाएगा। राजस्व और भूमि सुधार मंत्री संजय सरावगी ने बुधवार को 2025-26 के लिए अपने विभाग के बजट प्रस्तावों पर चर्चा के दौरान यह घोषणा की।
समय सीमा बढ़ाने का कारण
मंत्री ने बताया कि भूमि सर्वेक्षण की प्रक्रिया को सुचारू रूप से संपन्न कराने और जनता को होने वाली असुविधा को कम करने के उद्देश्य से यह निर्णय लिया गया है। इसके साथ ही पारदर्शिता बनाए रखना भी सरकार की प्राथमिकता है।
डिजिटल भूमि रिकॉर्ड की सुविधा
मंत्री ने स्पष्ट किया कि इस सर्वेक्षण का मुख्य उद्देश्य हकदार लोगों को डिजिटल भूमि रिकॉर्ड उपलब्ध कराना है, जिससे भूमि विवादों को स्थायी रूप से समाप्त किया जा सके। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को भूमिहीनों के लिए और विभिन्न बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए भूमि की आवश्यकता है।
स्व-घोषणा दस्तावेज की समय सीमा पर विचार
उन्होंने बताया कि भूमि स्वामित्व से संबंधित स्व-घोषणा दस्तावेज अपलोड करने की अंतिम तिथि 31 मार्च 2025 निर्धारित की गई है। हालांकि, सर्वर संबंधी तकनीकी दिक्कतों के चलते इस समय सीमा को बढ़ाने पर भी विचार किया जा रहा है।
विपक्ष का विरोध
विपक्षी दलों ने सरकार पर भूमिहीनों को जमीन आवंटन में देरी करने का आरोप लगाते हुए सदन से बहिर्गमन किया। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार के लिए भूमि विवाद लंबे समय से एक प्रमुख चुनौती बना हुआ है और इस दिशा में यह सर्वेक्षण अहम भूमिका निभाएगा।