
भारत ने पाकिस्तान में छिपे आतंकवादियों पर करारा जवाब दिया है। हाल ही में हुए पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत बड़ी कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान के अंदर मौजूद 9 आतंकी ठिकानों को मिसाइलों से निशाना बनाकर तबाह कर दिया। यह हमला भारतीय समयानुसार रात 1:05 से 1:30 बजे के बीच अंजाम दिया गया। इस ऑपरेशन के बाद विदेश सचिव विक्रम मिस्री, सेना की ओर से कर्नल सोफिया कुरैशी और वायुसेना की तरफ से विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस मिशन की जानकारी साझा की।
अब बात करते हैं थल सेना की जांबाज़ अफसर कर्नल सोफिया कुरैशी की।
कौन हैं कर्नल सोफिया कुरैशी?
कर्नल सोफिया कुरैशी भारतीय थल सेना की सिग्नल कोर में कार्यरत एक उच्च अधिकारी हैं। वह गुजरात की रहने वाली हैं। उनका सैन्य पृष्ठभूमि से जुड़ाव बचपन से ही रहा है, क्योंकि उनके दादा भी भारतीय सेना में सेवा दे चुके थे। परिवार के इस सैन्य वातावरण ने सोफिया को शुरू से ही अनुशासन और समर्पण की सीख दी।
पहली महिला बनीं जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय सैन्य अभ्यास में टुकड़ी का नेतृत्व किया
मार्च 2016 में सोफिया कुरैशी ने इतिहास रचते हुए भारतीय सेना की ओर से ‘फोर्स 18’ नामक बहुराष्ट्रीय सैन्य अभ्यास में देश की टुकड़ी का नेतृत्व किया। इस अभ्यास में भारत समेत अमेरिका, रूस, चीन, जापान, दक्षिण कोरिया, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और आसियान देशों ने हिस्सा लिया था। इस अभ्यास का आयोजन भारत में हुआ था और यह अब तक का सबसे बड़ा विदेशी सैन्य अभ्यास था। इस दौरान वह सभी भाग लेने वाली टुकड़ियों में इकलौती महिला कमांडर थीं।
संयुक्त राष्ट्र के शांति मिशन में भी निभाई अहम भूमिका
कर्नल सोफिया कुरैशी ने 2006 में कांगो में संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन के तहत सैन्य पर्यवेक्षक के तौर पर सेवाएं दी थीं। इस जिम्मेदारी के लिए उन्हें देशभर से चुने गए कुछ विशेष प्रशिक्षकों में से एक माना गया। वर्ष 2010 से वह लगातार शांति अभियानों से जुड़ी रही हैं।
शिक्षा और प्रशिक्षण
उन्होंने अपनी पढ़ाई वडोदरा की एमएस यूनिवर्सिटी से पूरी की है। सैन्य प्रशिक्षण और नेतृत्व क्षमता के बल पर वह आज भारतीय सेना की एक प्रेरणादायक महिला अधिकारी बन चुकी हैं।