आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राष्ट्र के नाम संदेश को पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों के लिए एक कठोर चेतावनी करार दिया है। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने भारत के लिए एक नया रणनीतिक दृष्टिकोण पेश किया है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर नायडू ने लिखा, “प्रधानमंत्री मोदी का यह भाषण सिर्फ शब्द नहीं थे, बल्कि उन्होंने भारत की नई नीति को स्पष्ट किया है। यह संदेश न केवल पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवादियों को सख्त चेतावनी है, बल्कि वैश्विक मंच पर भारत की शक्ति का भी प्रमाण है।”
नायडू ने यह भी कहा कि आज भारत को अपनी प्राचीन सांस्कृतिक धरोहर और आधुनिक तकनीकी सामर्थ्य के कारण अंतरराष्ट्रीय सम्मान मिल रहा है। उन्होंने बताया कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान भारत ने स्वदेशी तकनीक से बने ड्रोन और हथियारों का उपयोग करते हुए सीमा पार के आतंकी ठिकानों को सफलतापूर्वक ध्वस्त किया। यह हमारी रक्षा क्षमताओं की प्रगति और युद्ध की आधुनिकता में देश की तैयारी को दर्शाता है, जिससे हर भारतीय को गर्व है।
‘राष्ट्र सर्वोपरि, एकता हमारी ताकत’
तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) प्रमुख और एनडीए के सहयोगी नायडू ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत दृढ़ता से खड़ा है – शांति की मंशा के साथ, लेकिन अडिग और सशक्त इरादों के साथ। उन्होंने कहा, “हम सभी भारतीय एकजुट रहेंगे और राष्ट्रहित को हमेशा सर्वोपरि मानेंगे।”
आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री और अभिनेता से नेता बने पवन कल्याण ने भी प्रधानमंत्री के संदेश का समर्थन किया और कहा कि यह पूरी दुनिया के लिए एक मजबूत संदेश है। उन्होंने लिखा, “वाह! प्रधानमंत्री मोदी ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर जो राष्ट्र को संबोधित किया, वह भारत और वैश्विक समुदाय के लिए बेहद सशक्त संदेश है।”
पाकिस्तान को सीधी चेतावनी
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को अपने राष्ट्रीय संबोधन में स्पष्ट शब्दों में कहा कि भारत अब किसी भी तरह के ‘परमाणु ब्लैकमेल’ को बर्दाश्त नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के खिलाफ चलाए गए अभियान को केवल रोका गया है, समाप्त नहीं किया गया – आगे की कार्रवाई पड़ोसी देश के व्यवहार पर निर्भर करेगी।
पीएम मोदी ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद पहली बार राष्ट्र को संबोधित करते हुए सशस्त्र बलों, वैज्ञानिकों, और खुफिया एजेंसियों की सराहना की और उन्हें ‘सेल्यूट’ किया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने भारत से सैन्य कार्रवाई रोकने की अपील की और भारत ने इसे तभी स्वीकार किया जब उन्होंने अपनी हरकतें बंद करने का वादा किया।

