योगी आदित्यनाथ एक भारतीय हिंदू साधु और भारतीय जनता पार्टी के राजनीतिज्ञ हैं, और वर्तमान में यूपी के मुख्यमंत्री के रूप में कार्यरत हैं। वह सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाले मुख्यमंत्री हैं उत्तर प्रदेश के, जो वर्तमान में संपूर्णानंद को पछाड़कर 6 वर्षों से अधिक समय से अपना कार्यकाल चला रहे हैं वह 2022 से उत्तर प्रदेश विधान सभा में गोरखपुर शहरी विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहें हैं और 2017 से 2022 तक उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सदस्य भी रह चुके हैं। वह 1998 से 2017 तक उत्तर प्रदेश के गोरखपुर लोकसभा क्षेत्र से पूर्व संसद सदस्य भी थे विधानसभा के मुख्यमंत्री चुने जाने के बाद उन्होंने विधान परिषद से इस्तीफा दे दिया था।
आदित्यनाथ गोरखपुर में एक हिंदू मठ, गोरखनाथ मठ के महंत (मुख्य पुजारी) भी हैं, वह अपने आध्यात्मिक “पिता” महंत अवैद्यनाथ की मृत्यु के बाद सितंबर 2014 से इस पद पर हैं।[5] वह एक हिंदू राष्ट्रवादी संगठन हिंदू युवा वाहिनी के संस्थापक भी हैं।[6][7] उनकी छवि एक हिंदुत्ववादी राष्ट्रवादी और एक सामाजिक रूढ़िवादी की है।[1][8][9][10]
5 जून 1972 को उत्तराखण्ड के पौड़ी गढ़वाल जिले स्थित यमकेश्वर तहसील के पंचुर गाँव के एक गढ़वाली क्षत्रिय परिवार में योगी आदित्यनाथ का जन्म हुआ।[11] इनके पिता का नाम आनन्द सिंह बिष्ट है जो एक फॉरेस्ट रेंजर थे,[12] तथा इनकी मां का नाम सावित्री देवी है। 20 अप्रैल 2020 को उनके पिता आनन्द सिंह बिष्ट की मृत्यु हो गई। अपनी माता-पिता के सात बच्चों में तीन बड़ी बहनों व एक बड़े भाई के बाद ये पांचवें थे एवं इनसे और दो छोटे भाई हैं।[13]
इन्होंने 1977 में टिहरी के गजा के स्थानीय स्कूल में पढ़ाई शुरू की व 1987 में यहाँ से दसवीं की परीक्षा पास की। सन् 1989 में ऋषिकेश के श्री भरत मन्दिर इण्टर कॉलेज से इन्होंने इंटरमीडिएट की परीक्षा पास की। 1990 में ग्रेजुएशन की पढ़ाई करते हुए ये अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े। 1992 में श्रीनगर के हेमवती नन्दन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय से इन्होंने गणित में बीएससी की परीक्षा पास की। कोटद्वार में रहने के दौरान इनके कमरे से सामान चोरी हो गया था जिसमें इनके सनत प्रमाण पत्र भी थे। इस कारण से गोरखपुर से विज्ञान स्नातकोत्तर करने का इनका प्रयास असफल रह गया। इसके बाद इन्होंने ऋषिकेश में पुनः विज्ञान स्नातकोत्तर में प्रवेश तो लिया लेकिन राम मंदिर आंदोलन का प्रभाव और प्रवेश को लेकर परेशानी से उनका ध्यान अन्य ओर बंट गया। 1993 में गणित में एमएससी की पढ़ाई के दौरान गुरु गोरखनाथ पर शोध करने ये गोरखपुर आए[14] एवं गोरखपुर में अपने चाचा महंत अवैद्यनाथ के शरण में ही चले गए और दीक्षा ले ली। 1994 में ये पूर्ण संन्यासी बन गए, जिसके बाद इनका नाम अजय सिंह बिष्ट से योगी आदित्यनाथ हो गया
अप्रैल 2002 में इन्होंने हिन्दू युवा वाहिनी बनायी। 2004 में तीसरी बार लोकसभा का चुनाव जीता। 2009 में ये 2 लाख से ज्यादा वोटों से जीतकर लोकसभा पहुंचे। 2014 में पांचवी बार एक बार फिर से दो लाख से ज्यादा वोटों से जीतकर ये सांसद चुने गए। 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को बहुमत मिला, इसके बाद उत्तर प्रदेश में 12 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हुए। इसमें योगी आदित्यनाथ से काफी प्रचार कराया गया, लेकिन परिणाम निराशाजनक रहा। 2017 में विधानसभा चुनाव में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने योगी आदित्यनाथ से पूरे राज्य में प्रचार कराया। इन्हें एक हेलीकॉप्टर भी दिया गया।[11]
19 मार्च 2017 में उत्तर प्रदेश के बीजेपी विधायक दल की बैठक में योगी आदित्यनाथ को विधायक दल का नेता चुनकर मुख्यमंत्री पद सौंपा गया।

