आज सुबह सहस्रधारा इलाके में अचानक बादल फटने की गंभीर घटना हुई, जिससे कारलीगाढ़ नदी में अचानक बाढ़ आई और इलाके में भारी तबाही मच गई। तेज बारिश के कारण नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ा और पानी नाले तथा सड़कों पर फैल गया, जिससे अनेक जगहों पर जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। स्थानीय लोगों के लिए यह स्थिति बेहद खतरनाक बनी हुई है।
मौके पर उत्तराखंड एसडीआरएफ (State Disaster Response Force), एनडीआरएफ (National Disaster Response Force) और स्थानीय प्रशासन की टीम तेजी से रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही है। बचाव एवं राहत कार्यों में काफी मुश्किलें आ रही हैं क्योंकि पानी ने कई घरों को अपने चपेट में ले लिया है और कई इलाकों के संपर्क कट गए हैं। प्रशासन ने आसपास के इलाकों के निवासियों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट करने का आदेश दिया है।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घटना की गंभीरता को समझते हुए आपदा क्षेत्र का दौरा किया और राहत कार्यों की मॉनिटरिंग स्वयं संभाली। उन्होंने कहा कि स्थिति पर पूरी नजर रखी जा रही है और प्रभावित लोगों को हरसंभव मदद पहुंचाने के लिए पूरी ताकत झोंक दी गई है। उन्होंने सुरक्षा एजेंसियों को अलर्ट रहने और रेस्क्यू में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं।
मौसम विभाग की ओर से भी चेतावनी जारी की गई है कि आगामी 24 घंटे में ऐसी ही तेज बारिश और बादल फटने की घटनाएं हो सकती हैं, इसलिए आमजन सतर्क और सावधानी बरतें। प्रशासन ने वाहनों और पैदल यात्रियों को नदी के किनारे न जाने की सलाह दी है।
स्थानीय प्रशासन के अनुसार बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में बिजली और मोबाइल नेटवर्क में बाधाएं आ रही हैं, जिससे राहत कार्यों में अतिरिक्त चुनौतियां उत्पन्न हो रही हैं। स्वास्थ्य विभाग ने भी आपातकालीन सेवाएं सक्रिय कर दी हैं ताकि बाढ़ से प्रभावित लोगों को मेडिकल सहायता पहले मिल सके।
यह घटना उस समय आई है जब उत्तराखंड मानसून के बीच लगातार भारी बारिश से जूझ रहा है, जिसके कारण पहले भी कई स्थानों पर जलभराव और भूस्खलन की घटनाएं हो चुकी हैं। सहस्रधारा और कारलीगाढ़ नदी के निकट के इलाकों में रहने वाले लोगों को विशेष सावधानी बरतने के लिए कहा गया है।
प्रदेश सरकार ने प्रभावित लोगों के लिए फौरन राहत सामग्री, खान-पान, दवाइयां, और तंबू उपलब्ध कराने की व्यवस्था की है। साथ ही साफ-सफाई और स्थानांतरण कार्य भी तेजी से जारी हैं।
बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव के लिए एनडीआरएफ के अतिरिक्त स्थानीय पुलिस और फायर ब्रिगेड की टीमें भी मुस्तैद हैं। आसपास के गांवों में सोशल वर्कर और स्वयंसेवक राहत कार्यों में सहायता कर रहे हैं।
इस प्राकृतिक आपदा की वजह से देहरादून समेत आसपास के क्षेत्रों में यातायात भी प्रभावित हुआ है। कई सड़क मार्ग बंद होने की सूचना प्राप्त हुई है। प्रशासन अत्यंत सावधानी और जल्द फैसलों के साथ काम कर रहा है ताकि स्थिति नियंत्रण में आ सके और किसी जानी या आर्थिक नुकसान को रोका जा सके।

