मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना में एक बड़ा मील का पत्थर हासिल किया गया है। परियोजना में 4.9 किलोमीटर लंबी टनल का काम पूरा हो चुका है, जो शिलफाटा से घनसोली तक फैली हुई है। यह भारत की पहली हाई-स्पीड रेल परियोजना है, जो महाराष्ट्र, गुजरात और दादरा-नगर हवेली के लिए रोजगार, पर्यटन और व्यापार के नए अवसर खोलेगी।
इस प्रोजेक्ट का कुल कॉरिडोर 508 किलोमीटर लंबा है, जिसमें मुंबई और अहमदाबाद के बीच 12 स्टेशन होंगे। मुंबई से अहमदाबाद का सफर अब केवल 2 घंटे 7 मिनट में पूरा होगा, जबकि ट्रेन की अधिकतम गति 320 किलोमीटर प्रति घंटे होगी। इस कॉरिडोर में मुंबई, ठाणे, विरार, बोईसर, वापी, बिलिमोरा, सूरत, भरूच, वडोदरा, आनंद, अहमदाबाद और साबरमती स्टेशन शामिल हैं।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने परियोजना की प्रगति को इतिहासिक करार दिया है। उन्होंने बताया कि इस परियोजना में जापान की शिंकानसेन तकनीक का उपयोग किया गया है और इसी वजह से भारतीय बुलेट ट्रेन विश्व स्तरीय होगी। वडोदरा में हाल ही में पूरा हुआ विश्वामित्री नदी पर पुल इस परियोजना की इंजीनियरिंग का बेजोड़ उदाहरण है।
हाई-स्पीड कॉरिडोर से न केवल यात्रा समय कम होगा, बल्कि यह क्षेत्रों के बीच बेहतर कनेक्टिविटी भी सुनिश्चित करेगा। महाराष्ट्र और गुजरात के कई छोटे शहरों और कस्बों में रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। इसके साथ ही स्टैच्यू ऑफ यूनिटी जैसे पर्यटन स्थल और अहमदाबाद-मुंबई क्षेत्र के विकास में तेजी आएगी।
परियोजना के पूरा होने से क्षेत्रीय व्यापार को भी मजबूत बढ़ावा मिलेगा, क्योंकि माल और सेवाएं तेज गति से परिवहन करने में समर्थ होंगी। इससे आर्थिक गतिविधियों में वृद्धि के साथ ही उद्योगों को भी फायदा होगा। पर्यावरण संरक्षण को भी ध्यान में रखते हुए स्टेशन और ट्रेन डिज़ाइन किए गए हैं, जो ऊर्जा बचत और कम प्रदूषण सुनिश्चित करेंगे।
इस प्रोजेक्ट का शुभारंभ 2027 तक होने की संभावना है, जिससे भारत को पहली बार एवियेटर से नहीं बल्कि हाई-स्पीड रेल के माध्यम से तेज यात्रा की सुविधा मिलेगी।

