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रेलवे ने “एक सवारी” के लिए चलाई राजधानी एक्सप्रेस

नई दिल्ली – रेलवे के इतिहास में ये शायद पहला मौका होगा जब किसी एक यात्री के लिए ट्रैन चलायी गयी हो,जी है ऐसा ही मामला सामने दिल्ली में जब एक सवारी के लिए रेलवे ने राजधानी एक्सप्रेस चलायी और यात्री को उसके गंतव्य स्थान तक पहुंचाया.

झारखंड में टाना भगतों के आंदोलन की वजह से दिल्ली-रांची रूट पर रेल आवागमन ठप हो गया है. गुरुवार को दिल्ली से चलकर रांची जाने वाली राजधानी एक्सप्रेस को 9 घंटों के इंतजार के बाद उसके यात्रियों को बस के जरिए रांची रवाना किया गया. लेकिन एक यात्री ने बस से जाने के लिए इनकार कर दिया. इसके बाद रेलवे को एक यात्री के लिए अलग से राजधानी एक्सप्रेस चलानी पड़ी.

राजधानी एक्सप्रेस में कुल 930 यात्री सवार थे जिनको ट्रेन न चल पाने की स्थिति में रेलवे ने बस के जरिए भेजने की वैकल्पिक व्यवस्था बनाई. लेकिन इसी ट्रेन में सवार रांची की अनन्या ने बस से जाने से इंकार कर दिया रेलवे अधिकारियों ने समझाया कि बस से चली जाएं क्योंकि किसी एक इंसान के लिए ट्रेन नहीं चल सकती है. लेकिन अनन्या ने मना कर दिया और कहा कि यात्री को गंतव्य तक पहुंचाना रेलवे का फर्ज है इसलिए वो बस से नहीं जाएंगी. रेलवे अधिकारियों ने कार से भेजने की बात भी कही लेकिन अनन्या ने इंकार कर दिया. ये बात दिल्ली में रेलवे के उच्च अधिकारियों को पता चली तो उन्होंने लड़की के लिए ट्रेन चलाने का आदेश दे दिया. इसके बाद अधिकारियों ने दिल्ली-रांची राजधानी को रूट बंद होने की वजह से पहले गया भेजा फिर वहां से गोमो और बोकारो होते हुए रांची रवाना किया गया.

ट्रेन रात करीब 1:45 मिनट पर रांची स्टेशन पहुंची, जिसमें रेलवे कर्मचारियों को छोड़कर अनन्या अकेले सवार थी. सुरक्षा के लिए एक RPF जवान भी साथ में था. रेलवे के इतिहास में शायद ऐसा पहली बार हुआ होगा जब एक यात्री के लिए राजधानी ट्रेन ने 535 किमी लंबी दूरी का सफर तय किया होगा.

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