चंडीगढ़ प्रशासन ने एक ऐतिहासिक कार्रवाई करते हुए आज सेक्टर-38 की पश्चिम कॉलोनी शाहपुर में स्थित आखिरी झुग्गी बस्ती को पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया। आठ टीमों के साथ बुलडोजर इस कार्य में जुटे रहे। इसके लिए करीब 500 पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया था ताकि शांति बनी रहे और किसी अप्रिय घटना से बचा जा सके।
इस साल अब तक करीब 1,530 करोड़ रुपये की सरकारी जमीन वापस की जा चुकी है। इस कार्य में 19 जून को सेक्टर 53 और 54 में 12 एकड़ क्षेत्र में बनी अवैध आदर्श कॉलोनी का विध्वंस भी शामिल था, जो शहर की दूसरी आखिरी झुग्गी कॉलोनी थी। अब शाहपुर कालोनी के विध्वंस के बाद चंडीगढ़ देश का पहला झुग्गी मुक्त शहर बन गया है l
शाहपुर कॉलोनी करीब 4 एकड़ सरकारी जमीन पर फैली हुई थी, जिसमें लगभग 300 झोपड़ियाँ थीं और करीब 1,000 लोग निवासरत थे। प्रशासन द्वारा कॉलोनी में पहले ही सार्वजनिक नोटिस जारी किए गए थे जिसमें निवासियों को खाली जगह छोड़ने को कहा गया था। विध्वंस के दौरान बिजली और पानी के कनेक्शन बंद कर दिए गए थे ताकि कार्रवाई सुचारू रूप से हो सके।
लगभग 70 परिवारों को प्रशासन की पुनर्वास योजना के तहत छोटे-छोटे फ्लैट आवंटित किए गए हैं, वहीं खाली कराई गई जमीन को तारबद्ध कर भविष्य में अतिक्रमण से बचाने के लिए कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की जाएगी। सरकार का उद्देश्य है कि पुनर्वास के बाद कोई भी परिवार बिना उचित व्यवस्था के सड़क पर न रहे l
चंडीगढ़ प्रशासन ने 2006 से जबर्दस्त प्रयास शुरू किए थे, जिसमें अब तक 18 झुग्गी कॉलोनियों को हटाया जा चुका है और 500 एकड़ से अधिक जमीन को खाली कराया गया है। यह जमीन 20,000 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की मानी गई है। इस मुहिम से शहर की सुंदरता और सुव्यवस्था में अभूतपूर्व सुधार आया है l
चंडीगढ़ का यह झुग्गी-मुक्त शहर बनने का कदम पूरे देश के लिए एक मिसाल है कि कैसे सही योजना, राजनीतिक इच्छाशक्ति और कड़ी कार्रवाई से शहरी विकास का नया इतिहास लिखा जा सकता है। शाहपुर कॉलोनी के विध्वंस से यह मिशन पूरा हुआ और अब शहर में कोई भी अवैध झोपड़ी या स्लम नहीं बचा है। प्रशासन ने अपने इस अभियान के साथ बेहतर शहर और बेहतर जीवन के लिए प्रतिबद्धता दिखाई है l

