घर से भागे हुए, लापता, तस्करी के शिकार, कामकाजी, बाल भिक्षावृत्ति करने वाले, नशे के आदी बच्चों के भरण-पोषण के लिए योगी सरकार बड़ा कदम उठाने जा रही है। महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से प्रदेश के 18 मंडल मुख्यालयों समेत 19 जिलों में 35 नये आश्रय गृह बनाये जायेंगे. इसके लिए सरकारी स्तर पर प्रयास तेज कर दिये गये हैं.
इसके लिए विभाग की ओर से 400 करोड़ की राशि प्रस्तावित है. योगी सरकार क्षेत्र के बच्चों को सर्वोच्च राष्ट्रीय संपत्ति मानते हुए उनके लिए एक संवेदनशील इको-सिस्टम को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा प्रदेश के गरीब और जरूरतमंद बच्चों के लिए स्वस्थ और खुशहाल बचपन सुनिश्चित करना है।
सभी मंडलों में सभी श्रेणियों का कम से कम एक मकान होगा
दरअसल, किराये और राजनीतिक भवनों में चलने वाले अधिकतर बाल गृहों की स्थिति संतोषजनक नहीं है. क्षमता के सापेक्ष भवनों में जर्जर भवन, तंग कमरे, खुली हवा और बुनियादी ढांचे की कमी को देखते हुए सरकार नए आश्रय स्थल बनाने जा रही है। इसमें योग, व्यायाम, खेल, बागवानी आदि के लिए खुली हवा वाले कमरे, खुले मैदान होंगे। इसमें बाल देखभाल गृह, अवलोकन गृह, न्याय बोर्ड, अधीक्षक और वार्डन के आवास की भी सुविधाएं होंगी।
महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से लड़कियों के लिए 12 बाल गृह, लड़कों के लिए 1 बाल गृह, शिशुओं और विशेषज्ञ दत्तक ग्रहण इकाइयों के लिए 6 बाल गृह, किशोरों के लिए 11 निगरानी गृह और 5 एकीकृत गृह बनाने का प्रस्ताव है। योगी सरकार प्रदेश के सभी मंडलों में सभी श्रेणियों के कम से कम एक होम का संचालन करेगी.