बीपीएससी परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर अनशन पर बैठे जन सुराज पार्टी के अध्यक्ष प्रशांत किशोर को पटना सिविल कोर्ट से जमानत मिल गई, लेकिन उन्होंने कोर्ट की शर्त मानने से इनकार कर दिया। इसके चलते उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। प्रशांत किशोर ने स्पष्ट किया कि वे जेल में भी अपना अनशन जारी रखेंगे।
प्रशांत किशोर को रविवार को पटना के गांधी मैदान से गिरफ्तार किया गया था। गिरफ्तारी के बाद कोर्ट ने उन्हें 25,000 रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दी, लेकिन जमानत की शर्त यह थी कि वे भविष्य में ऐसा कोई कार्य नहीं करेंगे जिससे आम लोगों को असुविधा हो। प्रशांत किशोर ने इस शर्त को स्वीकार करने से मना कर दिया और जमानत के लिए बॉन्ड भरने से इनकार कर दिया।
उनके वकील शिवानंद गिरी ने बताया कि बॉन्ड भरने से इनकार करने पर उन्हें जेल जाना पड़ा। प्रशांत किशोर का कहना था कि शर्त मानने का अर्थ होगा कि उन्होंने अपराध स्वीकार कर लिया है, जबकि विरोध प्रदर्शन करना उनका संवैधानिक अधिकार है।
बीपीएससी परीक्षा पेपर लीक विवाद को लेकर प्रशांत किशोर पिछले चार दिनों से आमरण अनशन पर थे। रविवार सुबह पुलिस ने उन्हें गांधी मैदान से हिरासत में लिया और फिर गिरफ्तार कर लिया। गांधी मैदान थाने में उनके खिलाफ प्रतिबंधित क्षेत्र में धरना प्रदर्शन करने के आरोप में एफआईआर दर्ज की गई थी।
पटना के जिलाधिकारी डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने बताया कि प्रशांत किशोर को प्रतिबंधित क्षेत्र खाली करने का कई बार अनुरोध किया गया, लेकिन उन्होंने और उनके समर्थकों ने ऐसा करने से इनकार कर दिया। इसके बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए उन्हें गिरफ्तार किया। इस दौरान 43 अन्य लोगों को भी हिरासत में लिया गया और 15 वाहन जब्त किए गए। इनमें से अधिकांश लोग छात्र नहीं थे, और उनकी पहचान की जा रही है।