फर्रुखाबाद : विज्ञान और सूचना तकनीक के युग में भी लोग पीढि़यों से परंपरा को ढ़ो रहे हैं, यह परंपरा 10-20 वर्षों से नहीं कई पीढि़यों से चली आ रही है। वो भी अनहोनी के डर से। आज हम ऐसी ही डर, खौफ और साये की सच्ची घटना से आपको रूबरू कराने जा रहें है | हम आपको बता रहे हैं शहर कोतवाली से चंद क़दमों की दूरी पर शहर के बीचों बीच बसे मोहल्ला सधवाड़ा की सच्ची कहानी।
पिछले 2 सालों से सधवाड़ा में सफ़ेद उल्लुओं ने अपना वास कर लिया है जिनके आने के बाद कई अनहोनी घटनाएं घटी जिससे लोगों में डर का माहौल है पूरी रात अजीव तरह की आवाज निकालने वाले सफ़ेद उल्लू लोगों को रात में सोने भी नहीं देते | इस बात की जानकारी जब संवाद लाइव की टीम को मिली फिर क्या बिना किसी देर के हमारी टीम कड़ाके की ठण्ड में रात 9 बजे इसके पीछे की हकीकत जानने के लिए मोहल्ला सधवाड़ा पहुंची वहां पहले से ही लोग अँधेरे में बैठे सफ़ेद उल्लुओं को तलाश रहे थे | काफी खोजबीन करने के बाद आखिरकार विलुप्त प्रजाति के सफ़ेद उल्लुओं का झुण्ड हमारे कैमरे में कैद हो ही गया | एक छत पर बैठे उल्लू अजीब तरह की आवाज निकाल रहे थे जिससे पूरा इलाका गूँज रहा था |
कुछ दिनों पहले गली में खड़ी एक गाडी पर उल्लुओं ने बैठना शुरू किया तो यह देख लोगों ने गाडी मालिक को आगाह किया यह ठीक नहीं गाडी के साथ कभी भी कोई अनहोनी हो सकती है जिसके कुछ दिनों बाद ही अचानक गाडी में आग लग गयी हो सकता है आपको हमारी इस खबर पर यकीन नहीं हो रहा हो लेकिन सुनिए गाडी मालिक ने आखिर इस अजीबो गरीब घटना के बारे में क्या बताया |
पिछले 2 सालों से सधवाड़ा में सफ़ेद उल्लूओं ने अपना वास कर लिया है | जिसके बाद से ही यहाँ का व्यापार घाटे में चला गया किसी न किसी तरह से लोगों का नुकसान होना शुरू हो गया यह कहना हमारा नहीं यह कहना है शहर के बड़े समाजसेवी केशव भान साध का की उल्लुओं के आने के बाद सधवाड़ा में बहुत ज्यादा समस्याएं आ रही है |
सफ़ेद उल्लुओं का ये झुण्ड बन्दर के बच्चे को भी उठा के ले जा चुका है जिसे लोगों ने अपनी आँखों से देखा एक दिन अचानक उल्लुओं ने एक कुत्ते के बच्चे पर अचानक हमला कर दिया जिसे बामुश्किल लोगों ने बचाया | कपिल साध ने बताया जो घर बंद रहते है उन घरों पर सफ़ेद उल्लुओं ने वास कर रखा है उल्लुओं के आने बाद यहाँ कुछ ऐसी घटनाएं घटी है जिस कारण लोगों में भय का माहौल है |
बीते दिनों ही सफ़ेद उल्लू एक घर के अंदर आकर बैठ गए घर में मौजूद एक शख्य सफ़ेद उल्लुओं की ख़ूबसूरती को निहारने लगा अगले दिन ही सुबह उसके पिता की अचानक मौत हो गयी | जिंदगी और मौत तो ऊपर वाले के हाथ में लेकिन उसी दिन इस घटना घट जाना सफ़ेद उल्लूओं के खौफ को और बढ़ा देती है | जिस शख्स ने उल्लुओं के साथ समय बिताया उसने इस पूरी घटना के बारे में ऑफ कैमरा तो हमें बताया लेकिन कैमरा ऑन करते ही वह शख्स वहां से चला गया ऐसे ही न जाने कितने लोग ऐसी ही अनहोनी को अपने दिल में दबा के बैठे है |
पंडित रामनरेश दुबे ने शास्त्रों से अध्यन कर बताया की गांव व शहर में उल्लुओं का आना बहुत ही अशुभ माना जाता है जहाँ पर उल्लुओं का वास हो जाता है वो इलाका बंजर हो जाता है |
रिपोर्ट – पुनीत ( फर्रुखाबाद )