उत्तर प्रदेश एसटीएफ ने सीबीआई, नारकोटिक्स, और क्राइम ब्रांच के अधिकारियों के रूप में डिजिटल अरेस्ट के माध्यम से ठगी करने वाले एक संगठित गिरोह के सदस्य कृष्ण कुमार उर्फ सुनील (27) पुत्र भरत सिंह, निवासी मुरादनगर, गाजियाबाद को गिरफ्तार किया है। अभियुक्त को अवध हॉस्पिटल चौराहे से हरदोई रोड पर गुरुवार रात करीब 9:40 बजे गिरफ्तार किया गया।
एसटीएफ ने आरोपी के पास से निम्नलिखित सामान बरामद किया:
- 1 मोबाइल फोन
- 6 डेबिट कार्ड
- 3 चेकबुक
- 2 एटीएम किट
- 1 बैंक एकाउंट किट
- 1 हस्ताक्षरित चेक
- 1 इंटरनेट बैंकिंग सिक्योरिटी कोड डिवाइस
- 2 सिम कार्ड
- 202 पेज व्हाट्सएप स्क्रीनशॉट
- ₹2,040 नकदी
एसटीएफ को लंबे समय से सूचना मिल रही थी कि डिजिटल अरेस्ट के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह सक्रिय हैं। डॉ. अशोक सोलंकी, निवासी लखनऊ, ने साइबर क्राइम थाने में शिकायत दर्ज कराई थी कि उनसे 48 लाख रुपये की ठगी की गई। एसटीएफ की साइबर टीम ने तकनीकी विशेषज्ञता और मुखबिरों की सूचना के आधार पर पहले भी इस मामले में 10 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया था।
अभियुक्त कृष्ण कुमार ने बताया कि वह 2016 में बीटेक का छात्र था, लेकिन एक साल बाद पढ़ाई छोड़ दी और बीएससी की पढ़ाई पूरी की। उसने ठगी का काम राहुल चौहान के माध्यम से शुरू किया। गिरोह के सदस्य टेलीग्राम के जरिए कॉर्पोरेट बैंक खातों की जानकारी किराए पर लेते थे, जिनका इस्तेमाल ठगी के लिए किया जाता था।
कृष्ण कुमार ने यह भी बताया कि गिरोह का मुख्य सरगना मुहफिजुद्दीन है, जो कंबोडिया में स्थित चाइनीज साइबर गैंग से जुड़ा हुआ है। ठगी के पैसे को यूएसडीटी (क्रिप्टोकरेंसी) में बदलकर चाइनीज गिरोह के वॉलेट में भेजा जाता था। इस गिरोह ने वीके ट्रेडिंग के बैंक खाते में सिरसा, हरियाणा के एक व्यक्ति से लगभग 22 लाख रुपये की ठगी की थी, जिसके कारण 28 अगस्त 2024 को कृष्ण कुमार, राहुल और मुहफिजुद्दीन को हरियाणा पुलिस ने गिरफ्तार किया था। करीब दो माह जेल में रहने के बाद इनकी जमानत हो गई। राहुल अभी भी जेल में बंद है।
जेल से रिहा होने के बाद कृष्ण कुमार और मुहफिजुद्दीन फिर से गैंग के अन्य सदस्यों के साथ मिलकर साइबर ठगी का काम करने लगे। हाल ही में उन्होंने 9 बैंक खातों में साइबर ठगी का प्रयास किया, जिनमें से एक बैंक खाते में 20, 21, और 23 दिसम्बर को क्रमशः ₹64,21,775, ₹47,78,236 और ₹21,64,286 की ठगी का प्रयास किया गया था। एसटीएफ द्वारा गिरोह के अन्य सदस्यों की गिरफ्तारी के प्रयास जारी हैं और अभियुक्त से बरामद इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का फॉरेंसिक परीक्षण कराया जाएगा।

