उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यालय ने मंगलवार को जनता से आग्रह किया कि वे प्रयागराज में आयोजित होने वाले महाकुंभ के दौरान भगवान शिव के विशालकाय डमरू और त्रिशूल के दर्शन करने अवश्य पहुंचें। यह डमरू और त्रिशूल कांस्य और अन्य धातुओं से निर्मित हैं और श्रद्धालुओं के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र बन रहे हैं।
मुख्यमंत्री कार्यालय ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट करते हुए बताया कि महाकुंभ 2025 के अवसर पर प्रयागराज में कई नए और मनमोहक गंतव्य विकसित किए गए हैं। इन गंतव्यों में झूंसी के त्रिवेणीपुरम क्षेत्र में स्थापित भगवान शिव का यह अद्वितीय डमरू और त्रिशूल विशेष रूप से ध्यान आकर्षित कर रहे हैं। यह प्रतीक श्रद्धालुओं के लिए आध्यात्मिक और सांस्कृतिक अनुभव को और भी समृद्ध बनाएंगे।
महाकुंभ 13 जनवरी 2025 से 26 फरवरी 2025 तक आयोजित किया जाएगा। इस ऐतिहासिक आयोजन में देश-विदेश से करोड़ों श्रद्धालु हिस्सा लेने आएंगे। त्रिवेणीपुरम में दो उपरिगामी पुलों के बीच खाली पड़ी भूमि को दो सुंदर पार्कों के रूप में विकसित किया गया है। इन पार्कों के बीच एक पक्का चबूतरा बनाया गया है, जहां भगवान शिव का विशालकाय डमरू और त्रिशूल स्थापित किया गया है।
यह डमरू और त्रिशूल न केवल आकार में विशाल हैं, बल्कि उनकी कलात्मकता और धार्मिक महत्व भी लोगों के लिए अद्वितीय है। इनका कुल वजन लगभग तीन टन है। श्रद्धालु महाकुंभ में इस अद्वितीय स्थापत्य को देख सकेंगे और आध्यात्मिक अनुभव प्राप्त कर सकेंगे।
महाकुंभ में आने वाले हर श्रद्धालु को इस स्थान पर जाने और भगवान शिव के इन दिव्य प्रतीकों का दर्शन करने का अवसर अवश्य लेना चाहिए।

