प्रयागराज में महाकुंभ 2025 के दौरान आज का दिन अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि आज अमृत स्नान का पहला दिन है। मकर संक्रांति के शुभ अवसर पर संगम के तट पर श्रद्धालुओं का जनसागर उमड़ा हुआ है। अब तक दोपहर 12 बजे तक 1 करोड़ 60 लाख श्रद्धालु पवित्र स्नान कर चुके हैं।
अखाड़ों के साधु-संत भी मकर संक्रांति के इस पावन पर्व पर अमृत स्नान कर रहे हैं। इस अवसर पर सबसे पहले श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी और श्री शंभू पंचायती अटल अखाड़ा ने पवित्र स्नान किया। यह दिन खास इसलिए भी है क्योंकि यह स्नान पौष पूर्णिमा के अगले दिन आयोजित किया गया है, जो संगम में पहले बड़े स्नान का प्रतीक होता है।
महाकुंभ में अमृत स्नान को सबसे बड़ा आकर्षण माना जाता है। धार्मिक परंपरा के अनुसार, 13 अखाड़ों के साधु त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाकर इस स्नान का शुभारंभ करते हैं। इनमें सबसे पहला अधिकार नागा साधुओं का होता है। नागा साधुओं को सबसे पहले स्नान का अवसर क्यों दिया जाता है, इसके पीछे समुद्र मंथन की पौराणिक कथा जुड़ी हुई है।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, देवताओं और असुरों के बीच समुद्र मंथन से अमृत कलश प्राप्त हुआ था। इस दौरान अमृत की चार बूंदें धरती पर चार स्थानों – प्रयागराज, हरिद्वार, उज्जैन और नाशिक में गिरी थीं। इन्हीं स्थलों पर महाकुंभ मेले का आयोजन होता है। नागा साधु शिव के परम भक्त माने जाते हैं, और धर्मशास्त्रों के अनुसार, उन्हें इस स्नान का पहला अधिकार प्राप्त है। यह परंपरा प्राचीन काल से चली आ रही है और इसे धर्म और आध्यात्मिक ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी इस अवसर पर श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने अपने एक्स (पूर्व में ट्विटर) अकाउंट पर लिखा, “यह हमारी सनातन संस्कृति और आस्था का सजीव स्वरूप है। आज मकर संक्रांति के पावन अवसर पर महाकुंभ 2025, प्रयागराज में त्रिवेणी संगम पर प्रथम अमृत स्नान करने वाले सभी श्रद्धालुओं का हार्दिक स्वागत और अभिनंदन।”