बिहार में एक बार फिर खिचड़ी को लेकर सियासी हलचल तेज हो गई है। मकर संक्रांति के मौके पर केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने भोज का आयोजन किया था, जिसमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पहुंचे थे, लेकिन बिना कुछ खाए ही लौट गए। नीतीश के पहुंचने के बाद चिराग वहां मौजूद नहीं थे, और कुछ ही समय रुकने के बाद मुख्यमंत्री वहां से वापस लौट गए।
चिराग पासवान के दही-चूड़ा भोज कार्यक्रम से पहले ही नीतीश कुमार वहां पहुंच गए थे। पार्टी कार्यालय में केवल लोक जनशक्ति पार्टी (LJP-R) के प्रदेश अध्यक्ष राजू तिवारी मौजूद थे। मुख्यमंत्री ने पहले एलजेपी के संस्थापक और पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान की तस्वीर पर श्रद्धांजलि अर्पित की और फिर कुछ मिनट रुककर वहां से निकल गए।
चिराग पासवान खुद दोपहर 12 बजे के आसपास पहुंचे। नीतीश कुमार करीब 10:20 बजे एलजेपी कार्यालय पहुंच गए थे, लेकिन चिराग तब तक वहां नहीं पहुंचे थे। जब मुख्यमंत्री वहां से निकल रहे थे, तब भी चिराग पार्टी कार्यालय में नहीं थे।
इस घटना के बाद बिहार की राजनीति में तकरार बढ़ गई है। विपक्षी दलों ने इस मुद्दे पर तंज कसा है। चिराग पासवान ने मकर संक्रांति के मौके पर दही-चूड़ा भोज का आयोजन किया था और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समेत गठबंधन के सभी नेताओं को निमंत्रण दिया था, लेकिन जब मुख्य अतिथि पहुंचे, तो मेज़बान ही वहां मौजूद नहीं था।
इस बीच राष्ट्रीय जनता दल (RJD) की सांसद मीसा भारती ने इस घटनाक्रम पर टिप्पणी की। उन्होंने कहा, “सभी को मकर संक्रांति की शुभकामनाएं। पिछले कुछ समय से बिहार में राजनीतिक बदलाव की चर्चाएं चल रही हैं, क्योंकि मकर संक्रांति के बाद हमेशा बदलाव होते रहे हैं।”
उन्होंने आगे कहा, “राजनीति में कुछ भी असंभव नहीं है, लेकिन अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी। नए साल की शुरुआत से ही अच्छे कार्यों की शुरुआत होती है। हम ईश्वर से यही कामना करते हैं कि 2025 में बिहार की तरक्की हो, बेरोजगारी दूर हो और राज्य में कई नई फैक्ट्रियां लगें।”