प्रयागराज: दुनिया के सबसे बड़े आस्था पर्व महाकुंभ का आज तीसरा दिन है। माघ मास के पावन अवसर पर लाखों श्रद्धालु संगम नगरी प्रयागराज में कल्पवास कर रहे हैं। तड़के सुबह से ही संगम के घाटों पर श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ पड़ा है, जो त्रिवेणी में पवित्र स्नान के लिए उत्साहित हैं। महाकुंभ के आरंभ से ही प्रतिदिन लाखों भक्त संगम तट पर पहुंचकर मां गंगा की आरती में शामिल हो रहे हैं। पूरा संगम क्षेत्र भक्ति और आध्यात्मिकता के माहौल में डूबा हुआ है।
मकर संक्रांति पर 3.5 करोड़ लोगों ने किया स्नान
मंगलवार को मकर संक्रांति के विशेष पर्व पर संगम में आस्था की डुबकी लगाने वालों की संख्या करोड़ों में पहुंच गई। इस अवसर पर 13 अखाड़ों के साधु-संतों ने अपने निर्धारित क्रम में स्नान किया। श्रद्धालुओं के इस महासंगम में लगभग 3.50 करोड़ लोगों ने त्रिवेणी संगम में स्नान कर पुण्य अर्जित किया। इससे पहले सोमवार को पौष पूर्णिमा के पहले स्नान पर्व पर 1.65 करोड़ श्रद्धालुओं ने स्नान किया था। इस प्रकार महाकुंभ के शुरुआती दो दिनों में कुल 5.15 करोड़ भक्त संगम में पवित्र स्नान कर चुके हैं।
महाकुंभ के इस महापर्व में प्रयागराज में आस्था और संस्कृति का अद्वितीय संगम देखने को मिल रहा है। मकर संक्रांति के दिन संगम घाट पर भगवा रंग की छटा बिखरी हुई थी, जहां भक्त भगवान की भक्ति में पूरी तरह तल्लीन थे। इस बार का महाकुंभ खास है क्योंकि 144 साल बाद ऐसा दुर्लभ संयोग बना है। संगम के 4,000 हेक्टेयर विस्तृत क्षेत्र में भक्तों का विशाल हुजूम उमड़ रहा है। स्नान के दौरान साधु-संतों ने सनातन धर्म और संस्कृति की रक्षा का संकल्प लिया।
श्रद्धालुओं पर पुष्पवर्षा से महाकुंभ का नजारा और भी भव्य
साधु-संतों के शोभायात्रा और स्नान के दौरान हेलीकॉप्टर से श्रद्धालुओं पर पुष्पवर्षा की गई, जिसने इस आयोजन को और भी दिव्य बना दिया। श्रद्धालु इस ऐतिहासिक महाकुंभ को पूरी श्रद्धा और उत्साह के साथ मना रहे हैं। महाकुंभ केवल एक परंपरा नहीं, बल्कि सनातन संस्कृति का ऐसा संस्कार है जो पीढ़ी दर पीढ़ी प्रवाहित होता रहता है।