राजस्थान के दौसा जिले के प्रसिद्ध मेहंदीपुर बालाजी मंदिर से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। मंदिर के पास स्थित एक धर्मशाला में एक ही परिवार के चार सदस्यों के शव मिलने से इलाके में सनसनी फैल गई। पुलिस ने प्राथमिक जांच में इसे आत्महत्या का मामला माना है।
यह घटना मेहंदीपुर बालाजी कस्बे की समाधि वाली गली में स्थित राधा-कृष्ण आश्रम धर्मशाला की है। मृतक परिवार उत्तराखंड के देहरादून के रायपुर क्षेत्र का निवासी था। परिवार 12 जनवरी को धर्मशाला में रुका था और उन्हें 14 जनवरी को चेक आउट करना था। लेकिन मंगलवार शाम को जब सफाईकर्मी ने कमरे के बाहर कोई हलचल नहीं देखी, तो उसने मैनेजर को जानकारी दी। मैनेजर ने जब कमरे में झांककर देखा तो गेट खुला हुआ था और अंदर चारों शव पड़े मिले। इस घटना के बाद तुरंत पुलिस को सूचना दी गई।
मृतकों की पहचान नितिन उपाध्याय, उनकी पत्नी और उनके बेटे व बेटी के रूप में हुई है। बताया जा रहा है कि नितिन उपाध्याय और उनकी बेटी किसी गंभीर संकट से जूझ रहे थे, जिसके इलाज के लिए पूरा परिवार मेहंदीपुर बालाजी मंदिर आया था। यह परिवार इससे पहले भी बालाजी मंदिर में आ चुका था।
घटना पर करौली एसपी बृजेश ज्योति उपाध्याय का बयान सामने आया है। उन्होंने बताया कि कमरे में दो शव बेड पर और दो जमीन पर पड़े मिले। प्रारंभिक जांच में यह मामला जहर खाने का प्रतीत हो रहा है। पुलिस ने घटनास्थल से सबूत जुटा लिए हैं और पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है, जिससे मौत का असली कारण पता चल सके। यह घटना पूरे इलाके में चर्चा का विषय बनी हुई है, और पुलिस मामले की गहराई से जांच कर रही है।