उत्तर प्रदेश एसटीएफ ने मध्य प्रदेश के खरगोन जिले से 50,000 रुपये के इनामी अपराधी किन सिंह को गिरफ्तार किया है, जो सेमी-ऑटोमैटिक और ऑटोमैटिक अवैध हथियारों के निर्माण और अंतरराज्यीय आपूर्ति में संलिप्त था।
अवैध हथियार तस्करी का बड़ा नेटवर्क एसटीएफ ने अवैध हथियारों की तस्करी को रोकने के लिए खंडवा, खरगोन और बुरहानपुर जिलों में गुप्त सूचना जुटानी शुरू की थी। इसी दौरान 24 जुलाई 2024 को लखनऊ जिले के थाना पारा क्षेत्र से दो शस्त्र तस्करों को गिरफ्तार किया गया, जिनके पास आठ अवैध पिस्टल और 16 मैगजीन थीं। तस्करों से पूछताछ में यह खुलासा हुआ कि मध्य प्रदेश के ग्राम सिगनूर के निवासी किन सिंह अवैध हथियारों का निर्माण कर देशभर में उनकी सप्लाई करता है। इसके बाद 17 दिसंबर 2024 को लखनऊ पुलिस ने उस पर 50,000 रुपये का इनाम घोषित किया।
अवैध हथियारों की तस्करी को रोकने के लिए एसटीएफ की टीमों ने लगातार प्रयास किए और इस मामले में पुलिस उपाधीक्षक प्रमेश कुमार शुक्ला के मार्गदर्शन में एक विशेष टीम का गठन किया गया। 31 जनवरी 2025 को निरीक्षक शैलेन्द्र कुमार के नेतृत्व में टीम को सूचना मिली कि इनामी अपराधी किन सिंह खरगोन के विजय लक्ष्मी अस्पताल के पास मिलने वाला है। सूचना के आधार पर एसटीएफ और स्थानीय पुलिस की टीम ने घेराबंदी की और किन सिंह को गिरफ्तार कर लिया।
गिरफ्तार आरोपी का खुलासा पूछताछ में किन सिंह ने स्वीकार किया कि वह कई वर्षों से अवैध शस्त्रों का निर्माण कर मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, राजस्थान और महाराष्ट्र जैसे विभिन्न राज्यों में उन्हें सप्लाई कर रहा था। वह जंगलों में छिपकर हथियारों का निर्माण करता था और इसके लिए स्थानीय बाजारों से स्टील प्लेट, रॉड और स्क्रू जैसी सामग्री खरीदता था। उसने यह भी बताया कि वह सेमी-ऑटोमैटिक पिस्टल 10-15 हजार रुपये में और ऑटोमैटिक पिस्टल 50-60 हजार रुपये में बेचता था।
गिरफ्तारी के बाद अभियुक्त को थाना पारा, लखनऊ में दर्ज मामले में पेश किया गया, जहां आगे की विधिक कार्यवाही जारी है। एसटीएफ उत्तर प्रदेश की इस सफलता की व्यापक सराहना की जा रही है।

