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लखनऊ : चालाक महिला वकील ने अधिकारियों को जाल में फंसाकर करोड़ों की ठगी, मामला दर्ज

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक सनसनीखेज मामला सामने आया है, जहां एक संगठित वकील गिरोह बड़े अधिकारियों को प्रेम जाल में फंसाकर उनसे मोटी रकम वसूलने का काम कर रहा था। इस गैंग की सरगना महिला अधिवक्ता शालिनी शर्मा के खिलाफ लखनऊ के गोमतीनगर थाने में गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है।

बार काउंसिल की सुनवाई में हुआ खुलासा

यह मामला तब प्रकाश में आया जब उत्तर प्रदेश बार काउंसिल के कैंप कार्यालय, विपुल खंड में इस संबंध में सुनवाई चल रही थी। जांच के दौरान पता चला कि शालिनी शर्मा अपने अन्य वकील साथियों के साथ मिलकर एक ठगी का गिरोह चला रही थी। मामला उजागर होने के बाद पुलिस ने आरोपी वकील के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए उसका वकालत लाइसेंस रद्द कर दिया और ₹50,000 का जुर्माना भी लगाया।

प्रेम जाल में फंसाकर की ठगी

इस गिरोह का एक शिकार दीपक कुमार नामक व्यक्ति बने, जो वर्तमान में बनारस में एपीओ (असिस्टेंट प्रोसीक्यूशन ऑफिसर) के पद पर कार्यरत हैं। दीपक ने बताया कि शालिनी शर्मा ने उन्हें झूठे प्रेम संबंध में फंसाकर लाखों रुपये ऐंठने की योजना बनाई थी। उसने एक फर्जी शादी का प्रमाणपत्र बनवाकर बार काउंसिल में शिकायत दर्ज कराई, जिसमें दावा किया गया कि दीपक और शालिनी की शादी 2 जनवरी 2001 को सहारनपुर में हुई थी।

हालांकि, जब दीपक ने इस दावे की सत्यता जांचने के लिए 20 दिसंबर 2024 को सहारनपुर से दस्तावेजों की पड़ताल कराई, तो पता चला कि ऐसा कोई विवाह पंजीकृत ही नहीं था। इस तरह फर्जी दस्तावेजों का सहारा लेकर शालिनी ने दीपक को फंसाने की साजिश रची थी, जो बार काउंसिल की जांच में सामने आई।

गिरोह के अन्य सदस्य और मास्टरमाइंड

जांच में सामने आया कि शालिनी शर्मा अधिकारियों और धनवान लोगों को प्रेम संबंधों के बहाने फंसाकर मोटी रकम ऐंठती थी। जब कोई व्यक्ति पैसे देने से इनकार करता, तो वह झूठे बलात्कार या यौन शोषण के आरोप लगाने की धमकी देती थी।

इस गैंग में हाईकोर्ट के वकील अशोक कुमार पांडेय का नाम भी प्रमुखता से सामने आया है। अशोक पांडेय शालिनी का वरिष्ठ वकील होने के साथ-साथ इस संगठित ठगी गिरोह का मुख्य संचालक भी बताया जा रहा है। इसके अलावा, सहारनपुर का एक अन्य व्यक्ति भी इस गिरोह में शामिल था, जिसका काम फर्जी मेडिकल प्रमाणपत्र बनवाना था, जिससे झूठे मुकदमे मजबूत किए जा सकें।

पुलिस की कार्रवाई और आगे की जांच

लखनऊ पुलिस ने इस गिरोह के खिलाफ जांच तेज कर दी है और आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए विशेष टीमों का गठन किया है। पुलिस का मानना है कि इस गिरोह के तार अन्य कई ठगी और ब्लैकमेलिंग मामलों से जुड़े हो सकते हैं, जिनकी गहराई से जांच की जा रही है।

इस मामले के उजागर होने के बाद कानूनी पेशे की साख पर सवाल खड़े हो गए हैं। बार काउंसिल और पुलिस की संयुक्त कार्रवाई से उम्मीद जताई जा रही है कि भविष्य में इस तरह की संगठित ठगी और ब्लैकमेलिंग पर सख्त रोक लगाई जा सकेगी

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