उत्तर प्रदेश के जालौन जिले में मंगलवार को उस समय हड़कंप मच गया जब झांसी से आई एंटी करप्शन टीम ने नलकूप विभाग के एक बाबू को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ लिया। यह कार्रवाई एक रिटायर्ड कर्मचारी से 15,000 रुपये की अवैध मांग करने के आरोप में की गई।
रिश्वतखोरी का भंडाफोड़
जानकारी के मुताबिक, शिकायतकर्ता रामलला दीक्षित, जो नलकूप विभाग से सेवानिवृत्त हो चुके हैं, अपनी लंबित पेंशन और बीमा भुगतान के लिए कई बार विभाग के चक्कर लगा चुके थे। उनकी फाइलें अटकी हुई थीं और बार-बार अनुरोध करने के बावजूद कोई समाधान नहीं निकला। इसी बीच, विभाग के बाबू अमन कुमार वर्मा ने उनसे 15,000 रुपये की रिश्वत मांगी और कहा कि यह रकम देने पर उनका लंबित भुगतान जल्द ही जारी कर दिया जाएगा।
रामलला दीक्षित ने इस अवैध मांग की सूचना एंटी करप्शन टीम को दी। टीम ने योजना बनाकर आरोपी बाबू को रंगे हाथ पकड़ने के लिए जाल बिछाया। जैसे ही बाबू ने शिकायतकर्ता से पैसे लिए, टीम ने उसे तत्काल दबोच लिया। जब आरोपी को पानी से हाथ धोने के लिए कहा गया, तो नोटों पर लगाया गया विशेष रंग उसके हाथों में दिखाई दिया, जिससे उसकी रिश्वत लेने की पुष्टि हो गई।
कानूनी कार्रवाई जारी
इसके बाद एंटी करप्शन टीम ने आरोपी बाबू को कोतवाली लाकर उसके खिलाफ मामला दर्ज किया और आगे की जांच शुरू कर दी। यह घटना नलकूप विभाग में फैले भ्रष्टाचार का एक और बड़ा उदाहरण है। एंटी करप्शन टीम की सतर्कता से ऐसे मामलों पर लगातार कड़ी कार्रवाई की जा रही है।
शिकायतकर्ता रामलला दीक्षित ने बताया कि उनके रिटायरमेंट के बाद उनका फंड तो मिल गया था, लेकिन बीमा और वेतन वृद्धि का पैसा रुका हुआ था। कई बार शिकायत करने के बावजूद कोई समाधान नहीं हुआ, जिसके बाद उन्होंने एंटी करप्शन विभाग से संपर्क किया। फिलहाल, आरोपी बाबू के खिलाफ जांच जारी है और जल्द ही इस मामले में आगे की कार्रवाई की जाएगी।

