समाजवादी पार्टी के नेता और पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कड़ा कदम उठाया है। भ्रष्टाचार के मामले में हुई इस कार्रवाई ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है। मनी लॉन्ड्रिंग केस की जांच के दौरान ईडी ने मुंबई के वडाला इलाके में स्थित एक कीमती फ्लैट को कुर्क कर लिया है। सरकारी दस्तावेजों के अनुसार, इस फ्लैट की कीमत 60 लाख रुपये आंकी गई है, हालांकि बाजार में इसकी वास्तविक कीमत इससे कई गुना अधिक बताई जा रही है।
ईडी की इस कार्रवाई के बाद राजनीतिक चर्चाएं तेज हो गई हैं। सूत्रों के अनुसार, यह संपत्ति मेसर्स बालाजी कॉरपोरेशन नामक एक रियल एस्टेट कंपनी से जुड़ी हुई है। प्रवर्तन निदेशालय ने पिछले साल लखनऊ जोनल ऑफिस के अंतर्गत कई ठिकानों पर छापेमारी कर महत्वपूर्ण साक्ष्य जुटाए थे। इसके बाद, 16 जनवरी 2024 को मुंबई समेत कई अन्य स्थानों पर तलाशी अभियान चलाया गया, जिसमें करोड़ों रुपये की चल-अचल संपत्तियों और अहम दस्तावेजों का पता चला था।
ईडी ने गायत्री प्रजापति से जुड़ी 71 अचल संपत्तियों को भी कुर्क कर लिया है, जिनकी अनुमानित बाजार कीमत करोड़ों रुपये बताई जा रही है, जबकि सरकारी मूल्यांकन के अनुसार इनकी कीमत लगभग 51 करोड़ रुपये है। इस मामले में ईडी ने उत्तर प्रदेश लोकायुक्त की सिफारिश के आधार पर कार्रवाई की थी।
गौरतलब है कि यह जांच आय से अधिक संपत्ति और आपराधिक कदाचार से संबंधित है, जिसे यूपी विजिलेंस फाउंडेशन, लखनऊ द्वारा दर्ज किया गया था। आरोपों के मुताबिक, जब गायत्री प्रसाद प्रजापति उत्तर प्रदेश के खनन मंत्री थे, तब उन्होंने अवैध तरीके से भारी संपत्ति अर्जित की थी। यह भी कहा जा रहा है कि उन्होंने यह संपत्तियां अपने परिवार और करीबी सहयोगियों के नाम पर खरीदी थीं। उनके खिलाफ पद और अधिकारों का दुरुपयोग कर अकूत संपत्ति अर्जित करने का आरोप है, जिसे लेकर ईडी ने यह सख्त कदम उठाया है।

