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उत्तर प्रदेश: नमाज से लौटते समय 7 साल के बच्चे के साथ दुष्कर्म, अदालत ने दोषी को सजा सुनाई

    उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले से एक दर्दनाक और शर्मनाक घटना सामने आई है। इस घटना में 36 वर्षीय एक व्यक्ति ने सात साल के एक मासूम बच्चे के साथ अप्राकृतिक यौनाचार किया। इस मामले में बहराइच की एक विशेष अदालत ने आरोपी मोहम्मद जमाल को दोषी ठहराते हुए उसे 20 साल की कैद और 20 हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है। यह जानकारी विशेष जिला शासकीय अधिवक्ता (पॉक्सो अधिनियम) संत प्रताप सिंह ने ‘पीटीआई-भाषा’ को दी।

    संत प्रताप सिंह ने बताया कि अपर सत्र न्यायाधीश और विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो अदालत) दीप कांत मणि ने इस मामले में आरोपी मोहम्मद जमाल को कड़ी सजा सुनाई है। जमाल को 20 साल की जेल और 20 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है। साथ ही यह भी कहा गया कि अगर जमाल जुर्माने की रकम नहीं चुकाता है, तो उसे छह महीने की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। यह भी बताया गया कि जुर्माने की पूरी राशि पीड़ित बच्चे को दी जाएगी।

    घटना कुछ इस तरह हुई:

    संत प्रताप सिंह ने बताया कि 17 अप्रैल 2016 को शाम करीब सात बजे नगर कोतवाली क्षेत्र के काजीपुरा मोहल्ले की एक मस्जिद से नमाज पढ़कर लौट रहा सात साल का बच्चा अचानक गायब हो गया। बाद में पता चला कि मस्जिद में काम करने वाला 36 वर्षीय मोहम्मद जमाल ने बच्चे को अकेला पाकर उसे अपने कमरे में घसीट लिया। वहां उसने दरवाजा बंद कर बच्चे के साथ कुकर्म किया। बच्चा रोता और चिल्लाता रहा, लेकिन जमाल ने उस पर कोई दया नहीं दिखाई।

    पीड़ित बच्चे के पिता ने की शिकायत:

    जब बच्चा रोता हुआ घर पहुंचा, तो उसने अपने पिता को पूरी घटना बताई। इसके बाद बच्चे के पिता ने 18 अप्रैल 2016 को नगर कोतवाली थाने में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने मामले की जांच की और यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम की relevant धाराओं के तहत मोहम्मद जमाल के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया। जांच पूरी होने के बाद पुलिस ने दो महीने के भीतर अदालत में आरोपपत्र दाखिल किया। अब अदालत ने आरोपी को कड़ी सजा सुनाकर न्याय की एक मिसाल कायम की है।

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