गौ रक्षा के मुद्दे को लेकर आज दिल्ली में विभिन्न राजनीतिक दलों से मुलाकात करने का कार्यक्रम बना रहे जगद्गुरु शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती को नरेला पुलिस ने रोक दिया। इससे पहले, कुंभ मेले के दौरान उन्होंने सभी राजनीतिक दलों से गौ हत्या पर उनकी स्थिति स्पष्ट करने के लिए सवाल किया था और उन्हें इस पर अपना रुख तय करने का समय दिया गया था। आज, 17 मार्च को, वे रामलीला मैदान में शाम 5 बजे तक राजनीतिक दलों के जवाब की प्रतीक्षा करने वाले थे, लेकिन इससे पहले ही उन्हें दिल्ली में प्रवेश से रोक दिया गया।
गौ हत्या पर उठाया बड़ा सवाल
दिल्ली आने से पहले उन्होंने स्पष्ट किया था कि राजनीतिक दलों को यह तय करना होगा कि वे गौ हत्या के समर्थन में हैं या विरोध में, या फिर अब तक चली आ रही परंपरा को चुपचाप स्वीकार करते रहेंगे। उन्होंने कहा था कि यदि 17 मार्च तक कोई स्पष्ट उत्तर नहीं मिलता, तो वे स्वयं हर राजनीतिक दल के दरवाजे पर जाकर इस विषय पर उनकी मंशा पूछेंगे।
“हिंदुओं को पहले स्वयं को हिंदू समझना होगा”
शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि हिंदुओं को पहले अपनी पहचान को समझना होगा और गौ हत्या के खिलाफ खड़ा होना होगा। हिंदू हमेशा से गौ रक्षक रहा है और वह गौ हत्या को सहन नहीं कर सकता। यदि देश में गौ हत्या हो रही है, तो यह हिंदुओं की कमजोरी को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यदि हिंदू राष्ट्र की मांग की जा रही है, तो यह सुनिश्चित करना होगा कि वहां गौ हत्या पूरी तरह समाप्त हो। यदि हिंदू राष्ट्र बनने के बावजूद यह जारी रहता है, तो उसका कोई वास्तविक लाभ नहीं होगा। उन्होंने सभी हिंदुओं से आह्वान किया कि वे जागरूक हों और गौ हत्या को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाएं।

