बिहार में 2025 के विधानसभा चुनाव से पहले कानून-व्यवस्था की स्थिति लगातार बिगड़ती नजर आ रही है। होली के मौके पर राज्य के विभिन्न जिलों में पुलिसकर्मियों और सुरक्षा बलों पर हमले की कई घटनाएं सामने आईं, जिनमें दो एएसआई की जान चली गई और कई अन्य सुरक्षाकर्मी घायल हुए हैं।
किशनगंज में एसएसबी जवानों पर हमला
सोमवार को किशनगंज में एक बड़ी घटना घटी, जहां ग्रामीणों ने एसएसबी जवानों को बंधक बना लिया और उनके साथ मारपीट की। इस हमले में चार जवान घायल हो गए। किशनगंज के एडीजी ने स्पष्ट किया कि वे फायरिंग नहीं करना चाहते, लेकिन यदि जवानों की जान को खतरा हुआ तो आत्मरक्षा में गोली चलानी पड़ सकती है।
होली के दौरान पुलिस पर हमले की 12 घटनाएं
बिहार में होली के आसपास पुलिस और सुरक्षा बलों पर कुल 12 हमले हुए। इन घटनाओं में दो एएसआई शहीद हो गए, जबकि 27 पुलिसकर्मियों के घायल होने की सूचना है।
घटना का पूरा विवरण
एसएसबी की 19वीं बटालियन को जाली नोटों के तस्कर की जानकारी मिली थी, जिसके बाद जवान उसे पकड़ने के लिए ऑपरेशन में जुटे थे। बेलवा चौक के पास जवानों ने तस्कर को पकड़ लिया, लेकिन उसने शोर मचाकर ग्रामीणों को इकट्ठा कर लिया और दावा किया कि उसे अगवा किया जा रहा है। इसके बाद वहां जुटी भीड़ ने जवानों को घेर लिया और मारपीट शुरू कर दी। हमले में चार जवान घायल हो गए।
सूचना मिलने पर टाऊन थाना अध्यक्ष अभिषेक कुमार रंजन अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे और काफी मशक्कत के बाद जवानों को मुक्त कराया। फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है और दोषियों को गिरफ्तार करने की प्रक्रिया जारी है।
एडीजी का बयान
मुख्यालय एडीजी कुंदन कृष्णन और कानून-व्यवस्था एडीजी पंकज दराद ने बताया कि पुलिस पर हमले की कुल 10 घटनाएं दर्ज हुई हैं, जिनमें से दो मामले गंभीर हैं।
- अररिया – पुलिस अपराधी को पकड़ने गई थी, जहां झड़प के दौरान एएसआई गिर गए और उन्हें सिर में गंभीर चोट लगी।
- मुंगेर – दूसरी गंभीर घटना मुंगेर में हुई।
अन्य घटनाओं में उपद्रवियों की संख्या अधिक थी। एडीजी ने कहा कि त्योहारों के दौरान पुलिस संयम से काम लेती है और फायरिंग से बचती है, लेकिन यदि जवानों की जान को खतरा हुआ तो मजबूरी में गोली चलानी पड़ सकती है।
सांप्रदायिक घटनाओं की स्थिति
इस वर्ष होली के दौरान बिहार में सांप्रदायिक तनाव की 11 घटनाएं हुईं, लेकिन कोई बड़ी हिंसा नहीं हुई।
- कुल 11 मामले दर्ज किए गए।
- इन घटनाओं में 14 लोग घायल हुए।
- 29 लोगों को गिरफ्तार किया गया, जबकि 4 को हिरासत में लिया गया।
- एक ही समुदाय की दो जातियों के बीच हुई दो घटनाओं में 26 लोग घायल हुए।
डायल 112 पर आई कॉल्स और पुलिस रिस्पॉन्स
14 और 15 मार्च को इमरजेंसी रिस्पॉन्स सपोर्ट सिस्टम (ERSS) पर भारी संख्या में कॉल आए।
- 14 मार्च को 67,188 कॉल दर्ज किए गए और 13,150 घटनाएं सामने आईं। पुलिस का औसत रिस्पॉन्स टाइम 14 मिनट 34 सेकंड रहा।
- 15 मार्च को 56,851 कॉल आए और 9,744 घटनाओं पर कार्रवाई की गई। इस दिन पुलिस ने 14 मिनट 52 सेकंड में प्रतिक्रिया दी।
पुलिस प्रशासन की ओर से लगातार कार्रवाई की जा रही है, लेकिन बिहार में कानून-व्यवस्था को लेकर स्थिति गंभीर बनी हुई है।

